ट्यूशन की मैडम सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं ट्यूशन जाता था। मैडम की जवानी देख मेरा लंड मचल गया। एक दिन उसने मेरा खड़ा लंड देख लिया और फिर …
हैलो मेरे प्यारे फ्रेंड्स, मेरा नाम शरद है।
मैं एक बार फिर से एक रीयल सेक्स स्टोरी आपके लिए लेकर आया हूं। आशा करता हूं ये ट्यूशन की मैडम सेक्स कहानी भी आपको उतनी ही पसंद आएगी जितना प्यार आप बाकी कहानियों को दे चुके हो।
मेरी पिछली कहानी थी: छोटे लंड की दास्तान
तो बिना समय को गंवाये हम कहानी की ओर चलते हैं।
यह उस समय की बात है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। गर्मियों के दिन थे, मैं ट्यूशन जाने के लिए तैयार था।
मैं बी.टेक. कर रहा था और गणित में हाथ तंग होने की वजह से मैं ट्यूशन जाता था। तो उस दिन मैं ट्यूशन के लिए ही जा रहा था।
घटना का जिक्र करने से पहले आपको बता दूं कि उस वक्त मैं 19 साल का था और मेरी टीचर 23 साल की थी।
उसने उस वक्त अपनी मास्टर डिग्री पूरी की थी। टाइमपास करने के लिए वो होम ट्यूशन देती थी।
वो एक अमीर घर से थी।
मैडम का एक भाई था जो कनाड़ा रहता था और उसके पापा एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर थे। उनकी माँ एक कॉलेज में लेक्चरर थी।
वैसे तो मेरे बैच में 4 स्टूडेंट्स थे मगर सेशनल की तारीख अलग अलग थी तो कुछ दिन मैं अकेला पढ़ रहा था और बैच वाले बाकी बच्चे सब सेशनल के लिए पढ़ रहे थे।
आज मैडम ने टीशर्ट पहनी थी जिसमें से उनका निप्पल उभरा हुआ दिख रहा था।
यह बात मैडम को नहीं पता थी। मगर मेरा ध्यान बार बार न चाहते हुए भी वहीं जा रहा था।
मैडम पढ़ा रही थी और मेरा ध्यान उनकी निप्पल पर था।
मैडम ने कुछ पूछा और मैं बता नहीं पाया तो वो मुझे डांट रही थी।
फिर भी मेरा ध्यान निप्पल पर ही जाता रहा।
इस बार उन्होंने मुझे देख लिया।
फिर वो उठकर दूसरे कमरे में चली गयी।
एक बार तो मैं डर गया कि पता नहीं अब ये क्या करेगी। मगर वापस आकर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा।
मगर अब उनका निप्पल नहीं दिख रहा था। मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था। मेरी लोअर में साफ साफ दिख भी रहा था। मैडम ये बात देख चुकी थी क्योंकि सोफे पर बैठकर आप अपना तंबू नहीं छुपा सकते हो।
वो मेरे पास आकर बैठ गई और मुझे पढ़ाने लगी।
मेरा मन अब भी उनकी निप्पल को ही ढूंढ रहा था। मेरे हाथ से पेन नीचे गिर गया और वो मैडम की तरफ था।
जब मैडम उसको उठाने के लिए झुकी तो मुझे उनके चूचों के ऊपर का भाग दिखाई दिया।
मेरा लंड अब और ज्यादा टनटना गया, मैं तो पहले से ही कामुक हो रहा था।
चूंकि अब मैडम की चूचियों की क्लीवेज भी दिख गयी थी तो लंड जैसे फटने को हो गया था।
शायद उसको भी अंदाजा था कि मैं कहां देख रहा हूं।
मेरा पेन उठाकर मैडम ने मुझे दिया और कहने लगी कि आज के लिए बहुत है तुम अब घर चले जाओ।
मैं शर्मिंदा होता हुआ घर आ गया।
घर आकर मैंने मैडम के बारे में सोचकर मुठ मारी।
मेरा लंड 5 इंच का ही है इसलिए मैं अपने लंड को लेकर थोड़ा चिंतित रहता था।
मैंने पोर्न फिल्मों में बड़े बड़े 8 व 9 इंच तक के लंड भी देखे हुए थे जिनके सामने मेरा लंड बहुत ही ज्यादा छोटा लगता था मुझे।
मगर जवानी का जोश था तो मुठ मारे बिना नहीं रहा जाता था।
इसी तरह अगले दिन भी मैं अकेला ही था लेकिन उस दिन मैडम ने सूट पहना था।
उनके शर्ट का गला गहरा था। चूंकि टीशर्ट का गला तो गर्दन तक ही रहता है इसलिए उसमें से चूचों के ऊपर का नजारा मिलना काफी मुश्किल होता है।
मगर सूट में तो मैडम की क्लीवेज पहले से ही बाहर दिख रही थी।
उसके ऊपर से फिर वो जब झुक रही थी तो अंदर उनकी चूचियां भी दिख जाती थीं।
एक बार वो झुकी तो मैं चूचियों पर नजर गड़ाए हुए था।
उसने मुझे उसके चूचे घूरते हुए देख लिया। वो बोली- क्या देख रहे हो?
मैं डर गया और आंखें नीचे कर लीं।
उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है?
मैंने बोला- नहीं, मैं सिंगल हूं।
वो बोली- अच्छा इसलिए कल तुम ज्यादा ही उतावले हो रहे थे।
मैं बोला- मैम, मैं समझा नहीं।
वो बोली- अब हिन्दी में समझाऊं क्या? ये जो तुम्हारी पैंट में ये लड़कों वाली चीज है ना ये कल मैंने देख ली थी कि कैसे तुम परेशान हो रहे थे।
ये सुनकर मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया; मुझे सूझ ही नहीं रहा था कि अब क्या करूं और क्या कहूं।
मगर एक बात मुझे हैरान कर रही थी। मैं मैडम के सामने काफी डरा हुआ था लेकिन मेरा लंड अभी भी बैठ नहीं रहा था।
उसमें अभी भी पूरा तनाव था और वो खड़ा था।
मैडम भी उसे देख चुकी थी मगर फिर भी तनाव कम नहीं हो रहा था।
शायद उसकी सेक्सी बातों से मुझमें कामुकता ज्यादा बढ़ती जा रही थी।
मेरे लंड में बार झटके लगते देख मैडम बोली- ये देखो, कैसे बार बार झटके लग रहे हैं तुम्हारी पैंट में।
मैंने ये देखकर अपनी पैंट के ऊपर से लंड पर हाथ रख लिया तो मैडम हंसने लगी।
उसके साथ ही मैं भी थोड़ा मुस्करा दिया।
उसको हंसती देख मेरा डर भी काफी कम हो गया; अब मैं इतना नहीं डर रहा था।
वो बोली- जल्दी से अपनी गर्लेफ्रेंड बना लो, वरना रोज ऐसे ही डांट खाओगे मेरे से!
मुझे पता नहीं क्या हुआ कि मैं बोल पड़ा- आप जैसी कोई हो तो मिलवा दो ना मैडम?
वो बोली- अच्छा, मैं इतनी पसंद आ गई क्या तुम्हें?
मैंने कहा- हां, आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो। आपको देखते रहने का मन करता है।
वो कुछ नहीं बोली और कुछ पल ऐसे ही बैठी रही।
फिर कहने लगी- अच्छा, वैसे तो तुम काफी छोटे हो लेकिन मैं अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकती।
अभी भी मेरे लंड में झटके लगने बंद नहीं हो रहे थे।
वो फिर से हंसने लगी और बोली- तुम तो इससे कुछ ज्यादा परेशान लग रहे हो, दिखाओ जरा, क्या बला है ये!
मैडम की बात सुनकर एक बार तो मैं चौंक गया।
मगर फिर सोचा कि जब ये खुद ही बोल रही है तो दिखा देता हूं।
मैं उठा और उनके सामने जाकर अपनी पैंट नीचे कर दी।
जैसे ही मैंने अंडरवियर नीचे किया तो मैडम मेरे लंड को हैरानी से देखने लगी।
फिर अगले ही पल वो हंसने लगी।
वो हंसते हुए बोली- अरे, तुम्हारी तरह ये भी अभी बहुत छोटा है।
मुझे थोड़ा बुरा लगा और मैंने उस पर ताना कस दिया- मैडम आपने पहले किसी का लिया है क्या जो आपको इस सबके बारे में पता है?
वो इस पर चुप हो गई।
फिर बोली- नहीं, लेकिन तू ज्यादा जुबान मत चला।
मुझे अब बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा था।
मैं मैडम के थोड़ा करीब चला गया और लंड ठीक उसके मुंह के सामने कर दिया।
एक बार तो उसने मुझे गुस्से से देखा लेकिन मैं डरा नहीं, मेरे ऊपर हवस सवार थी।
मैं उसके सामने लंड ताने हुए खड़ा रहा।
जब उसने देखा कि मेरी उत्तेजना उफान मार रही है और लंड में बार बार उसकी नाक के ठीक सामने झटके लग रहे हैं तो फिर उसका चेहरा नॉर्मल हो गया और उस पर हल्के हवस के भाव आ गए।
उसने धीरे से हाथ बढ़ाया और मेरे लंड को पकड़ लिया।
उसने लंड को पूरा मुट्ठी में भरा और उसकी गर्मी को महसूस किया।
मेरे लंड की नसें मैडम का कोमल हाथ पाते ही जैसे फटने को हो गईं।
मैडम ने मेरे लंड को पूरा पकड़ लिया और उसको आगे पीछे करने लगी।
मुझे मजा आने लगा। मेरे मुंह से आह्ह … आह्ह … स्स्स … स्स्स … करके सिसकारी निकलने लगी।
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। परिणाम की परवाह किए बिना ही मैं भी अपने हाथों से उसकी चूचियाँ दबाने लगा।
उसने इस पर कुछ नहीं कहा जिससे मुझे उसकी ओर से हरी झंडी मिल गई।
मैं जोर जोर से उसकी चूचियों को दबाने लगा। जितना जोर मैं उसकी चूचियों पर बढ़ा रहा था, उतना ही जोर वो मेरे लंड पर लगा रही थी।
उसके हाथ की पकड़ और ज्यादा कड़ी हो जाती थी।
अब हम दोनों ही गर्म हो चुके थे।
हम सोफे पर एक साथ आ गए और मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए।
वो मेरे होंठ चूसने लगी।
करीब दस मिनट तक यही चलता रहा। मुझे उसके बदन के साथ खेलते हुए जन्नत का अहसास मिल रहा था। कभी मैं उसकी चूचियों को दबाता तो कभी उसकी गर्दन और होंठों को चूमने लगता।
फिर वो बोली- बस यही करना है क्या?
इस पर मेरी हवस और ज्यादा बढ़ गई।
मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए। जैसे ही मैंने उसकी ब्रा खोली, उनकी चूचियाँ देखकर मैं तो दंग ही रह गया।
गोरी गोरी चूचियां थीं और हल्के भूरे रंग के निप्पल्स। मैंने झट से उन्हें मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
वो भी एकदम से मस्त होकर अपनी चूचियों को पिलाने लगी।
मेरे सामने वो ऐसे चूचे फैला रही थी जैसे मैं कोई छोटा बच्चा हूं और वो मेरी मां है जो मुझे दूध पिला रही है।
मैं दबाते हुए उसकी चूचियों को पीता रहा।
उधर वो मेरे सिर को अपनी चूचियों में दबाती रही।
मैंने उसकी सलवार पर हाथ मारा तो वो मेरी इच्छा समझ गई, उसने अपनी सलवार खुद ही खोल दी।
अब मेरा हाथ सीधा उसकी सलवार में घुस गया, टटोलते हुए उसकी पैंटी पर चला गया।
मैंने उनकी पैंटी के अन्दर हाथ डाला और उनकी चूत को रगड़ने लगा।
ये करते करते मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए।
फिर उन्होंने भी मेरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे।
मैंने उनसे कहा- मुझे सेक्स करना नहीं आता!
ये मैंने उनसे झूठ बोला था।
मेरी इससे पहली कहानी
श्रीनगर की कुंवारी चूत
तो आप सबने पढ़ ही रखी है। जिन्होंने पढ़ी है वो जानते हैं कि मुझे चुदाई का ज्ञान पहले से ही था।
तो उन्होंने कहा- मैं सिखा दूंगी।
फिर उन्होंने मुझे उनकी चूत चाटने को कहा।
पहले तो मैंने मना किया कि मुझे यह गन्दा लगता है, मगर बाद में मैं मान गया।
मैंने अपने नर्म-नर्म और गर्म होंठ उनकी चूत पर लगा दिए और कस-कस कर चूसने लगा।
वाह क्या खुशबू थी … मैडम की चूत की। फिर मैं अपनी जीभ उनकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
वो सोफे पर लेटी हुई सिसकारियाँ भर रहीं थीं।
मैं उनके ऊपर गया और उनके होंठ चूसने लगा। साथ ही साथ अपनी उंगली उनकी चूत में डालकर हिला रहा था।
तभी मेरे हाथ में कुछ पानी सा आने लगा।
मैंने देखा कि मैडम झड़ चुकी थीं। मैंने उनकी चूत का पानी अमृत जल समझ कर चाट लिया।
फिर हम उठे और मैडम मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं।
मेरा लंड लोहे की तरह सख्त था।
वो अपनी टांगें चौड़ी करके लेट गई।
मैं समझ गया कि अब क्या करना है क्यूंकि मैं काफी ब्लू फिल्म देख चुका था।
उसकी चूत देखकर मैं पागल हुआ जा रहा था।
दोस्तो, खुद ही सोचा कि एक सेक्सी मैडम खुद ही अपनी चूत चुदवाने के लिए उतावली हो रही हो तो कितना जोश आ जाता है लंड में!
मैंने अपना लंड मैडम की चूत पर रगड़ा और अंदर डालने के लिए तैयार हो गया।
उनकी चूत में मैं लंड को अन्दर करने ही वाला था तो वो कहने लगी- धीरे करना … मेरा भी पहली बार है।
मैंने अपना लंड मैडम की चूत पर लगाया और उसको रगड़ने लगा।
मैडम भी मस्त होकर सिसकारियाँ भरने लगीं। मैडम अब पागल हो चुकी थी; उनकी कमर ऊपर उठी हुई थी जिससे उनके चूचे और मस्त दिख रहे थे।
फिर मैं वो रसीले … लाल हो चुके चूचे चूसने लगा और चूत पर लंड रख कर अंदर धक्का दिया तो उनकी चीख निकल गयी।
मैं वहीं रुक गया और किस करने लगा।
किस करते करते मैंने मैडम के गर्म जिस्म को सहलाया और उसको प्यार किया।
उसके थोड़ी देर बाद मैंने फिर धक्का मारा और इस बार मेरा छोटा सा 5 इंच का लंड उसकी चूत में अंदर पहुंच गया।
उसने मुझे जोर का धक्का मारा और साइड में कर दिया। उसने अपनी चूत में देखा तो वहां खून लगा था तो वो डर गई।
मैंने उसको समझाया और बताया कि पहली बार में अक्सर ऐसा होता है।
वो कहने लगी- बहुत दर्द हो रहा है।
मैं भी बोला- अब हंस लो, तब तो छोटा-छोटा कह रहे थे।
फिर मैंने उनको समझाया और फिर से किस करने लगा। इस बार मैंने अपनी उंगली की कलाकारी उसको दिखाई।
मैं तेजी से उसकी चूत में उंगली करने लगा।
चूंकि वो लंड के लिए तरस रही थी तो उंगली पाकर भी उसकी चूत जल्दी से चरम पर आ गई और उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया।
मैंने उसके निपल्स पर काटा और फिर से लंड उनकी चूत पर रख दिया।
चूत पर लंड लगाकर मैं मैडम को किस करने लगा।
इस बार उसने खुद ही लंड को अंदर लिया और मैंने धक्के लगाने चालू किए। इस बार उसने चोदने में मेरा साथ देना शुरू कर दिया।
मैडम मस्ती में अपनी चूत चुदवा रही थी, दोनों को बहुत मजा आ रहा था।
बीच बीच में हम दोनों एक दूसरे के होंठों को भी चूसते जा रहे थे।
करीब 5-7 मिनट की चुदाई करने के बाद मेरा होने वाला था और मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और उनके पेट पर सारा वीर्य निकाल दिया।
हमने एक दूसरे को साफ किया और कपड़े पहने क्योंकि अगला बैच स्टार्ट होने वाला था।
तब मैडम ने बोला- तुम कल कॉलेज मत जाना। घर से कॉलेज के लिए निकलना और उसके बाद सीधे मेरे घर आ जाना।
मैं मैडम की सेक्स की इच्छा समझ गया था।
उसकी चूत को लंड का मजा मिल गया था और अब वो और ज्यादा मजा लेना चाहती थी।
मैं खुशी खुशी उसके लिए हां करके वहां से निकल आया।
अगले दिन वो चुदाई के लिए पहले से ही मन बनाकर बैठी थी।
जब मैं उसके घर पहुंचा तो फिर मैंने मैडम की चुदाई किस-किस पोजीशन में की और कैसे उसके साथ मजा लिया … वो मैं आपको अपनी अगली मैडम सेक्स स्टोरी में बताऊंगा।
तब तक आप इस ट्यूशन की मैडम सेक्स कहानी के बारे में बताएं कि मैडम की चूत चुदाई की शुरुआत की ये कहानी आपको कैसी लगी।
आप मुझे कमेंट्स बॉक्स में लिखें या फिर मेरी ईमेल पर मैसेज भेजें।