..मेरा नाम जहान्वी हे. मेरी उम्र 23 साल की हे. थोड़ी मोटी हूँ, बड़े बूब्स हे जिसकी साइज़ 38 D हे. और मैं उन्हें और सेक्सी दिखाने के लिए अक्सर टाईट टी-शर्ट भी पहनती हूँ. मेरी गांड भी एकदम बड़ी हे जिसे देख के लोगो के लंड खड़े हो जाते हे. लोग मेरे हॉट बॉडी को देख के कमेंट पास करते हे जिसे सुनने की अब मुझे भी आदत हो गई हे. सच कहूँ तो अपने बदन की तारीफ वाली कमेन्ट सुनना हरेक लड़की को पसंद होता हे. लेकिन पिछले महीने से पहले मुझे कभी चुदाई का कोई चांस मिला नहीं था. बसों और ट्रेनों के अन्दर अंकलो और लडको ने अकसर मेरी गांड पर लंड घिसे और मेरे बूब्स टच किये. और वो सब से मैं हॉट हो जाती थी. लेकिन चूत में लंड डलवाने का मौका हाथ नहीं आया था कभी भी. मुझे ऐसे बस ट्रेन में बूब्स मसलवाने का बड़ा मजा आता था सच में. और मैं सामने से ऐसे करनेवालों को और भी एनकरेज सा करती थी.अब सीधे कहानी पर आते हे. वैसे मैं पटना की हूँ लेकिन अपनी जॉब के लिए बंगलौर में रहती हूँ. मेरे पापा के एक दोस्त हे यहाँ रघु अंकल. पापा ने मुझे कहा की तू रघु के घर ही रह लेना. पापा को पता नहीं था की रघु अंकल का पत्नी से झगड़ा चल रहा था और वो अकेले ही रहते थे. पापा ने कहा रघु की बड़ी पहचान हे बगलोर में तो उसके घर रहेगी तो अच्छा हे. और सच में रघु अंकल अब तो मेरी हर जरूरत का ध्यान रखते हे.रघु अंकल का एक बड़ा और सुंदर सा घर हे जिसमे वो अकेले ही रहते हे. घर में नोकर भी हे आधे दर्जन जितने उनकी मदद के लिए. रघु अंकल की उम्र 43-45 साल के बिच में हे और वो ऊँचे और अच्छी बॉडी वाले हे. उन्हें देख के लगता ही नहीं की वो इतने बूढ़े हे. उन्हें देख के किसी भी लड़की को उनसे चुदने का मन करने लगे ऐसे ही हे वो. उन्के बच्चे नहीं हे. और वो अकेले रहते हे शायद वो मेरी खुसकिस्मती हे!
कुछ दिउनो में मैं रघु अंकल के साथ घुल मिल गई और हम दोनों अच्छे दोस्त जैसे हो गए. अक्सर मैं काम से बोर हो जाती तो उनकी कार में हम बंगलोर की सडको पर लॉन्ग ड्राइव के लिए जाते थे और होटल वगेरह में खा के भी आते थे. हम दोनों के बिच में एक कपल के जैसी ही भावना उमड़ पड़ी थी. और मेरे अंदर अंकल के साथ फिजिकल होने की भावना भी जागी थी. और शायद उनकी भी यही हालत थी. जब हम बहार जाते थे तो एक दुसरे के हाथ को पकड के चलते थे. या फिर वो मेरे कंधे के ऊपर या मेरी कमर में हाथ रखते थे. सॉफ्ट टच रेगुलर हो गई थी हम दोनों के बिच में.और मुझे और भी मजा आने लगा था जब वो टच मेरी बूब्स की तरफ बढ़ चली. और वो मेरे बूब्स को और गांड को घूरते थे तो अंदर से मैं तितली की तरह उड़ने लगती थी. और मैं उनका सपोर्ट कर रही थी इसलिए उनकी करेज दिन बदिन बढती ही चली गई.जब मैं कपबोर्ड वगेरह से कुछ लेने के लिए खड़ी होती तो वो भी कुछ ना कुछ लेने के बहाने से आ जाते थे. और वो मेरे बूब्स के ऊपर अपने हाथ को घिस देते थे. और मैं भी अक्सर अपने बूब्स को उनके हाथ के ऊपर ही दबा देती थी. हम दोनों को ऐसा सब कर के खूब मजा आता था.रघु अंकल के बर्थ डे पर मैंने उन्हें एक सेक्सी सरप्राइज देने को सोचा. मैं एक सेक्सी स्लीवलेस टॉप ले के आई जो काफी टाईट था जिसमे मेरा क्लीवेज मस्त दीखता था. और उसके साथ मे मैं एक सेक्सी शोर्ट भी लाइ थी.
उन्के बर्थडे वाली दिन, मिडनाईट में मैं वो बिना ब्रा के वो टॉप और शोर्ट पहन के रेडी हुई. ठंडी बहुत थी और मेरे निपल्स हार्ड थे और बहार से भी दिख रहे थे. मैंने टॉप के ऊपर हेप्पी बर्थडे एम्ब्रोइड करवाया हुआ था. और दोनों साइड पर मेरी कड़ी हुई निपल्स दिख रही थी. मैंने केक भी अपने हाथ से ही बनाई थी और इस सेक्सी आउटफिट में मैं रघु अंकल के कमरे में चली गई.दरवाजा खुला था और मैंने नोक किये बिना ही एंट्री कर ली. उन्हें देखा तो मैं और सरप्राइजड हुई. वो नंगे ही बेड के ऊपर पड़े हुए अपने लंड को हिला रहे थे. मुझे तो उन्के लंड को देख के ही प्यार हो गया उस से. मैं उसे चूस लेना चाहती थी. और मैंने देखा की उन्के हाथ में मेरी एक पिक्चर थी जिसमे मेरे क्लिवेज दिख रहे थे. वो मेरे नाम की ही मुठ मार रहे थे. फिर मैं दरवाजे के बहार चली आई और मंथन में पड़ गई की अब क्या करूँ. लंड को देख के मेरी हालत भी खराब ही थी और मैं उसे चुसना चाहती थी. अंकल ने तो दिखा ही दिया था की वो मेरे नाम से ही अपने लंड को हिला रहे थे. मैंने सोचा की अंदर चली ही जाती हूँ. मैंने अंकल को आवाज दी और उन्होंने दरवाजा खोला.वो लेपटोप को बंद कर चुके थे जिसमे मेरी पिक्चर थी. मैंने अंकल को केक दिखाई और उन्के लिए हेप्पी बर्थडे वाला सोंग गा के उन्हें विश किया. वो खुश थे. और फिर उन्होंने मेरे कपडे देखे और मेरे बड़े बूब्स और सेक्सी जांघो को देख के उन्के मुहं में पानी आ गया. उन्होंने कहा जाह्नवी तुम बड़ी ही सेक्सी लग रही हो इन कपड़ो के अंदर. मैंने थेंक्स कहा और उन्होंने केंडल बुझा के केक काटा.
हमने एक दुसरे को केक खिलाई. और फिर मैंने रघु अंकल को गले से लगा के फिर से उन्हें विश किया. मेरे बूब्स उसकी कडक छाती से चिपके हुए थे. और उन्होंने मेरी कमर के ऊपर हाथ रख दिया. उनका लंड खड़ा हो गया था जिसका अहसास मुझे मेरी चूत के ऊपर होने लगा था. मैं उलझन में थी की अंकल के साथ सेक्स की स्टार्टिंग करूँ भी तो कैसे! हम दोनों उत्तेजित तो थे और मेरी चूत ने तो पानी भी छोड़ दिया था. तभी मैंने देखा की केक का एक छोटा पिस अंकल के होंठो के ऊपर लगा हुआ था. मैंने कहा, अंकल आप के चहरे पर केक लगी हे लाओ मैं साफ़ कर दूँ. फिर मैंने उन्हें बेड में बिठाया और मैं खुद उनकी गोद में बैठ गई.मैं उन्के करीब गई और मेरी साँसे जोर जोर से दौड रही थी. अंकल के चहरे के ऊपर लगी हुई केक को मैंने चाट लिया और उनको देखा. मैंने उनकी आँखों में हवस को देख ली थी. और उन्होंने मेरी आँखे पढ़ ली थी. उन्होंने कुछ कहे बिना ही अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दिया और किस कर ली मुझे! और वो किस एकदम मीठी थी जो काफी देर तक चली!हम दोनों ही एकदम हॉट हो चुके थे और एक दुसरे को चूसने लगे थे. हमारी जुबाने एक दुसरे के मुह में थी और कभी कभी साथ में मिल जाती थी. काफी दिनों से बदन के अंदर सेक्स का जो लावा भरा हुआ था अब वो फूटने के लिए रेडी लग रहा था.
हम दोनों की सलाइवा मिकस हुई और अंकल ने मुझे बेड पर डाला और खुद भी आ गए. मैंने अंकल को अब गले के ऊपर और कंधे के ऊपर किस दे दी. उन्होंने मेरे बूब्स के ऊपर हाथ डाला और उसे दबाने लगे. मैंने उनकी नाईट पेंट को निकाल दी और नंगा कर दिया.और मैंने उसे देखा, एकदम मोंस्टर सा था. जिसके लिए मैं ये सब कर रही थी. मैंने अंकल के लंड को लोलीपोप के जैसे चुसना चालू कर इया. मैंने उसे ऊपर से निचे तक अपनी जबान से ऐसे चाटा की अंकल आह कर गए. मैंने लंड के सुपाडे के ऊपर जबान को घुमा के उन्के तोते उड़ा रही थी.उन्होंने मेरे बाल पकड लिए और मेरे मुहं में लंड को पूरा अन्दर कर दिया. इतने बड़े लंड को पूरा मुहं में लेना मेरे लिए बहुत ही मुश्किल था. लेकिन मैंने मेनेज कर लिया ताकि अंकल को पूरा मजा मिले. मैंने लंड के ऊपर और बॉल्स के ऊपर थूंक थूंक के खूब चूसा और चाटा.अंकल ने अब मेरे टॉप को उतार फेंका और मेरे निपल का मसाज करने लगे अपने लंड से ही. और फिर से उन्होंने लंड को मेरे मुहं में डाल दिया. उनका वीर्य मेरे मुहं में ही छुट गया. उनके लोडे से बहुत सब स्पेर्म्स निकल के मेरे मुहं में आये थे. मैंने उन्के पानी को अपने बूब्स के ऊपर भी घिसा और सवाद ले के खा भी गई उसे.
मैंने अपने बूब्स के ऊपर अंकल के वीर्य का मसाज किया और उन्हें उकसाया. मैंने फिर अपने बूब्स को दबाये और उन्हें खूब हिलाए. मैंने वीर्य को बबव के ऊपर एकदम घिस लिया किसी क्रीम के जैसे. और फिर निपल के ऊपर लगे हुए वीर्य को मैं जबान से चाते लगी. मेरे इस सेक्सी शो की वजह से अंकल का लोडा फिर से टाईट हो गया.उन्होंने मुझे अपनी तरफ खिंच लिया और मुझे जोर से किस देने लगे. फिर वो मेरे उपर आ गए और मेरे सेक्सी बूब्स को चूसने लगे. उन्होंने एक छोटे बच्चे के जैसे ही मेरे निपल्स को चुसे. और दुसरे हाथ से वो मेरे बूब्स को खूब जोर जोर से दबा भी रहे थे. वो बूब्स दबाते थे तो बहुत दर्द होता था लेकिन जो मजा था वो दर्द से कई ज्यादा था. इसलिए मैं उन्हें रोक नहीं सकी.मैं एकदम जोर जोर से सिसकिया रही थी. अंकल को मेरी मोअनिंग की आवाजे बड़ी अच्छी लग रही थी. उन्होंने केक के ऊपर की आइसींग सुगर को मेरे निपल्स के ऊपर लगाईं और अपने मुहं से उसे चाटने लगे. एक बार ख़तम हुई तो और आइसिंग उन्होंने मेरे बूब्स के उपर लगाईं और सब की सब चाट गए. फिर उन्होंने मेरी नाभि यानी की बेली बटन में भी आइसिंग डाली और उसे जबान से खाने लगे. सच में मेरी हालत बहुत खराब थी इस हॉट उत्तेजना की वजह से! और फिर अंकल ने मेरी शोर्टस को खोला और वहां पर भी आइसिंग सुगर लगा के उसे चाटने लगे. आइसिंग सुगर खत्म हो गई लेकिन उन्होंने चूत को चाटना बंद नहीं किया. मैं तो जैसे जन्नत की शेर कर रही थी.
अंकल ने मेरी क्लाइटोरिस को अपनी ऊँगली से पकड़ी और बहार की फांको को चाटते रहे. फिर उन्होंने कहा, साली तू जब इस घर में आई तभी मैं जान गया था की तू रंडी हे और मेरा लंड ले लेगी. तेरे बड़े बूब्स और चूतड़ ने मेरी परेशानी को बढ़ा दिया था. आज नहीं छोडूंगा तुझे.मैंने कहा, अंकल आप से चुदना तो मैं चाहती ही थी आज आप का लंड देखा तो भी हो गया हे आप से. छोड़ना मत मुझे प्लीज़. फिर अंकल मुझे रंडी, छिनाल, जैसी गालियाँ देने लगे जिसे सुन के मुझे अच्छा लग रहा था.फिर वो बोले आज तो मैं तेरी चूत खा ही जाऊँगा. हम दोनों 69 पोज में आ गए और उन्होने कहा, मेरे लंड को पूरा मुहं में ले साली रंडी.मैंने अंकल के लोडे को मुहं में ले के उन्हें एक मस्त ब्लोवजोब दिया. और वो भी मेरी चूत को बड़ी सेक्सी ढंग से चूस गए. फिर अंकल ने मिशनरी पोज़ में लिटा के मुझे मस्त चोदा. उनका लंड कितना बड़ा था और सच में वो मेरी चूत को जैसे फाड़ ही रहा था. पेन तो हुआ पहले पहले लेकिन वो बड़ी जल्दी प्लीजर में बदल भी गया. कुछ देर ऐसे ही कस के चोदने के बाद अब अंकल ने मुझे घोड़ी बना दिया.
और फिर उन्होंने जो किया वो मैने एक्स्पेक्ट नहीं किया था. अंकल मेरी एसहोल को चाटने लगा. मुझे घिन सी आने लगी थी लेकिन वो मजे ले रहे थे. फिर उन्होंने मेरी गांड में लोडा डाला. मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं कुतिया के जैसे काऊ काऊ करने लगी. लेकिन वो रुके नहीं और ठोकते गई मेरी गांड को. मैंने दर्द की वजह से चद्दर को मरोड़ दिया था. और वो जोर से गांड मारते ही गए. फिर उन्के स्पेर्म्स निकल के मेरी गांड में छुट गए.अंकल अपना लोडा गांड से निकाल के मुझे किस करते हुए लेट गए और बोले, डार्लिंग ये मेरा सब से बढ़िया बर्थ डे गिफ्ट था. हम दोनों हंस पड़े, अंकल ने मेरी बॉडी को क्लीन किया और बोले आज की रात मेरे साथ ही सो जाओ मेरी जान.रात को अंकल ने सोने ही नहीं दिया. कभी वो बूब्स चूसते थे तो कभी चूत में देते थे. कभी गांड मारते थे तो कभी लंड चूसने को कहते थे. मोर्निंग में मैंने सब से पहले इमर्जन्सी कॉण्ट्रासेप्टिव पिल ले ली. और फिर गर्म गर्म पानी में नहा लिया. दिन में अंकल ने नोकरो को एक दिन की छुट्टी दे दी. और फिर बोले, आज कपडे नहीं पहनने दूंगा मेरी जान को.और फिर दिन भर भी अंकल ने मुझे पोर्न दिखा के चोदा. अंकल ने मुझे बताया की मेरे आने से पहले वो रंदिया चोदते थे. और उनकी चूतें तो खुली गुफा होती हे इसलिए उन्हें एनाल सेक्स की लत लगी हे. मैंने कहा आप घबराओ नहीं मैं आप की रंडी ही हूँ आप मेरी गांड मर्जी जाहे रब मार सकते हे.अंकल ने आज सुबह मैं जब ये कहानी लिख रही थी तब भी गांड में लंड दिया था. और वो बोले की कहानी लिखना लेकिन किरदारों के और शहर के नाम बदल देना मेरी जान. और उन्के कहने पर मैंने वही किया, बाकी सब की सब हिंदी सेक्स कहानी 100% सच्ची हे!