मौसी की दिलकश बेटी नेहा को चोद लिया,, मेरा नाम पिंकू है। मेरी उम्र 28 साल है। मैं हैदराबाद मे रहता हूँ। उम्र के साथ साथ मेरी खूबसूरती भी निखरती गयी। मैं एक जवान मुस्टंडा बन गया था। हाइट भी मेरी 6 फ़ीट। हाइट के साथ साथ पर्सनालिटी भी अच्छी खासी बना रखी थी। मेरे को देखकर रिश्ते वाले शादी के रिश्ते की बात रखने लगे। घरवाले मेरे को शादी करने के लिए फ़ोर्स करने लगे। मै भी चूत के लिए शादी के लिए राजी था। मेरे को गोरी चिकने बदन वाली लड़की चाहिए थी।
जिसकी चूत का रस चखकर मेरे को मजा आ जाए। मै उसी जुगाड़ में अपनी मौसी के यहां गाजियाबाद में गया हुआ था। मेरे को मेरे घरवालों ने लड़की देखने के लिए भेजा था। मै वर्षो बाद अपने मौसी के घर गया हुआ था। ट्रेन के सफर से मैं काफी थक चुका था। मौसी घर पहुचते ही मेरी सारी थकान नेहा को देखते ही ख़त्म हो गयी। फ्रेंड्स नेहा मेरी मौसी की इकलौती बेटी थी। वर्षो बाद उसे देखकर मैं पहचान ही नहीं पाया। मन करता था अभी ही उससे चिपक कर उसको बाहों में भर लूं। फिर भी किसी तरह मन मार के अपने काम वासना को शांत किया। वो मेरे को भैया…भैया..कहके बात करने लगी। मैने किसी तरह से दिमाग को उसके ऊपर से हटाया। मेरे को नींद आ रही थी। मैं सोने चला गया। शाम को मेरे को नेहा जगाने के लिए आई। वो मेरे कंधे को पकड़कर हिला हिला के जगा रही थी।
उसके हाथ पड़ते ही मेरे शरीर में बिजली दौड़ उठी। मेरा लंड खड़ा हो गया। शाम को मार्केट घूमने के बाद मैंने वापस मौसी के घर आकर खाना खाया। खाना तो टेस्टी था ही लेकिन नेहा का रस चखने को मन कर रहा था। सोच रहा था किसी तरह से नेहा हो पटा लू फिर तो अपनी किस्मत खुल जानी है। उसके कली जैसे बदन को काट खाने को मन कर रहा था। उसके 36 32 34 के गोरे बदन को देख कर मैं अपना सेल्फ कंट्रोल खो देता था। मेरे को नेहा को पटाने का अच्छा मौका मिल गया। मौसी को बाहर कही जाना था। उनके एक रिश्तेदार की तबियत बहोत खराब थी। वो मौसा के साथ उन्ही को देखने के लिए हॉस्पिटल चली गयी।
मौसी: बेटा तुम लोग सो जाना मै हॉस्पिटल जा रही हूँ। हो सकता है मै रात में न आऊं तो तुम लोग गेट बंद करके सो जाना
नेहा: ठीक है मम्मा! लेकिन हो सके तो रात में ही आ जाना
मौसी घर से बाहर चली गयी। नेहा ने घर का कुछ काम किया। वो लगभग 11 बजे फ्री हुई। मै उसी के इन्तजार में बैठे बैठे टी.वी बैठा हुआ देख रहा था। उसने मेरे को एक अलग कमरा दिखाया। मेरे को अकेले सोने के लिए छोड़ गयी। मेरे को अपनी किस्मत पर गुस्सा आ रहा था। इतनी खूबसूरत मम्मो वाली लड़की घर में होकर भी मेरे को अपना दूध पिलाने के बजाय अलग लिटा रही है। मै चुपचाप लेटा था। लेकिन नींद कैसे आने वाली थीं। उस समय हल्की फुल्की ठंडी पड़ रही थी। मैंने चादर तानी और उसी के नीचे नेहा की चूत देखने के बिचार धारा में खोया हुआ था। तभी नेहा ने मेरे को जगाया। मै तुरन्त उठ गया।
नेहा: भैया…भैया…
मै: क्या बात है नेहा तुम अभी तक सोई नहीं??
नेहा: नहीं मेरे को नीँद नहीं आ रही है!
मै: क्यों नहीं आ रही है नींद??
नेहा: मेरे को अकेले सोने की आदत नहीं है
मै: चलो फिर तुम मेरे पास ही सो जाओ??
नेहा ने दरवाजा बंद किया। वो दूसरे चादर को ओढ़ कर सोने लगी। अब जाके मेरे दिल को थोड़ा सा सुकून मिला। मै उसके पास जाकर उसकी ओर देखने लगा। नेहा भी उसुक पुसुक लगाए हुई थी।
मै: अब क्या बात है नेहा?? अब क्या हुआ??
नेहा: तुम्हारे साथ लेट के नींद नहीं आ रही?
मै: तो फिर मैं किसी और रूम में सो जाऊं!
नेहा: नहीं…नहीं यही रहो मेरे साथ!
मै: तुम तो ऐसे डर रही हो जैसे तुम सो जाओ तो मैं तुम्हारे साथ छेड़छाड़ न कर लूं
नेहा: नहीं यार लेकिन मैं पहली बार किसी लड़के के साथ सो रही हूँ इसीलिए मेरे को थोड़ा अजीब लग रहा है
मैं: जब तू अपने हसबैंड के साथ लेटेगी तो क्या होगा तेरा फिर! तुम्हे तो सोने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी
नेहा: उस दिन की बात उस दिन देखी जायेगी। आज से ही क्यों टेंशन लू!
मै गुड नाईट बोल के सोने लगा। वो भी सोने का नाटक करने लगी। मेरे को पता था कि वो जग रही है। कुछ देर बाद मैने उसके करीब जाकर उससे लिपटने लगा। नेहा मेरे को बार बार अपने से दूर कर देती थी। मै भी सोच रहा था कितनी बार ये ऐसा करेगी। कभी न कभी तो मौक़ा देगी ही। इसी उम्मीद में अपने कार्य को प्रगति पर रखा। कुछ देर बाद मेरा कार्यरत सफल हुआ। उसे मेरे को करीब पांच मिनट तक अपने ऊपर रखा रहने दिया। अपना डर ख़त्म करके नेहा ने मुह को मेरी तरफ घुमाया और मेरे से लिपट गयी। मैं उसके इस तरह के रिएक्शन से चौंक गया। शायद नेहा का भी मूड बन गया था। वो जितनी भोली बनती मेरे को झूठ लग रहा था। इतनी जल्दी कोई भी लड़की सेक्स से दूर होकर गर्म नहीं हो सकती थी। खैर मेरे को ही क्या था। मैं तो सिर्फ उसके साथ सम्भोग का आनंद लेना चाहता था। मैने अपनी आँखे खोली तो मेरे जकड़े हुए घूर घूर कर देख रही थी। मैने उससे आँखों आँखों से ही बात करके चुदाई की सेटिंग बना ली। वो भी मेरा साथ देने को तैयार लग रही थी।
मै भी भला ऐसा मौका कैसे गवांता। मैंने भी उसे कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया।
नेहा: भैया..शुरुवात भी करो ना
मै: ठीक हैं मैं ही शुरुवात करता हूँ
मेरे सामने उसका चाँद सा मुखड़ा था। मै उसे बहोत ही गौर से देख रहा था। पूरे चेहरे पर एक भी दाग नहीं था। होंठ तो उसके बिना लिपस्टिक के ही काफी लाल लाल दिख रहे थे। उसके होंठो के रस को देखकर मै अपने को रोक नहीं पाया। अपने होंठ को उसके लाल होंठ से सटा दिया। वो मेरे से लिपटकर किस का आनंद प्राप्त कर रही थी। ऊपर नीचे दोनों होंठो को बारी बारी से मै पी रहा था। वो भी मेरा साथ दे रही थीं। नेहा अपनी आँख बन्द करके फ्रेंच किस का मजा ले रही थी। उसकी होंठो का रस पीने में बहोत ही मजा आया। मैने लगभग 10 मिनट तक उसके होंठ को चूस कर उसे गर्म किया। उसका होंठ चूसते चूसते बहोत ही काला हो गया। मैंने उसके गले पर किस करना शुरू किया। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम..उसके गले पर किस करते ही वो सिसक उठी। जितना मै नेहा के गले पर किस करता उतना ही वो “……अई…अई….अई……अई….इसस्स् स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारियां निकाल रही थी। उसकी धड़कने मेरे को बढ़ती हुई महसूस हो रही थी। क्योंकि वो मेरे से चिपकी हुई थी। मै धीरे धीरे उसकी चूत की तरफ अपना मुह बढ़ रहा था। मेरे को दो 36″ के उभरे हुए सामान मिले। जो की नेहा के बड़े बड़े मम्मे थे। उस दिन नेहा ने काले रंग की टी शर्ट और लैगी पहने हुई थी। मैंने उसकी टांगो को अपने टांगों में फसाकर उसके मम्मे को पकड़ लिया। उसे देखने के वास्ते मैने उसकी टी शर्ट को निकाल दिया।
टी शर्ट को निकालते हुए उसके गोल मटोल बड़े बड़े चुच्चे मेरे को दिखने लगे। ब्रा की वजह से मेरे को उसके निप्पल का दर्शन हो गया। उसके निप्पल को उंगलियों से दबा दिया। वो जोर जोर से “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअ अअ….आहा …हा हा हा” की आवाज निकालने लगी। मैंने उसके दूध को अपने मुह जितना भर सका भर कर पीने लगा। वो मेरे को अपने बूब्स में बार बार दबा रही थी। मजे ले ले कर मैंने कुछ देर तक उसके मम्मो को चूसा। मेरे को उसके दूध को पीने में बड़ा ही मजा आया। उसके बाद मैंने भी सोचा कुछ नेहा को खिला दूं। मैंने अपना पैंट खोल के नेहा को लंड का दर्शन कराया। वो मेरे लंड को देखते ही खुश हो गयी। वो मेरे लंड को हिला हिला कर खड़ा करने लगी। मेरा लंड कुछ ही पलों में खड़ा होकर नेहा को चोदने को तैयार हो गया। उसने मेरे लंड का टोपा अपने मुह में रख कर चूसने लगी। मेरे लंड का टोपा बहोत ही फूल चुका था। मेरे को लगने लगा कुछ देर उसने और चूसा तो मेरी पिचकारी निकल जाएगी। मैंने अपना लंड उसके मुह से निकाल कर अलग किया। उसकी चूत के करीब जाकर उसकी पैंटी को लैगी सहित निकाल दिया। उसकी टांगो को खोलकर मैंने उसकी चूत का दर्शन किया।
उसकी चिकनी चूत को देखते ही मैं पागल हो गया। मैंने उसकी लाल लाल गोरी चूत लार अपना मुह लगा कर चाटने लगा। वो मेरे बालो को पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगी। मै उसकी चूत के दाने को काट रहा था। चूत के दाने को काटते ही वो “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”, की आवाज निकालने लगती थी। उसकी चूत चाटने का मजा लेने के बाद अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो सुसुक रही थी।
नेहा: और कितना तड़पाओगे अब! डाल दो अपना लंड मेरी चूत के छेद में!
मै: थोड़ा रुको मेरी जान! अभी डाल देता हूँ!
मैंने कुछ देर और रगड़ने के बाद अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया। वो तड़प उठी जोर जोर से “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊ ऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की चीखें निकालने लगी। मैंने उसके आवाज को इग्नोर करते हुए अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। वो दर्द से तङप रही थी। मैने अपना लंड उसकी चूत घुसाये ही उसे किस करने लगा। कुछ देर में उसे दर्द से आराम मिल गया। वो खुद ही चुदने को अपनी गांड उठाने लगी। मेरे को सिग्नल मिलते ही मैंने अपने लंड को उसकी चूत फाड़नी शुरू कर दी। धीरे धीरे मैने उसकी चुदाई शुरू कर दी। नेहा अब धीरे धीरे सिसकारियों को भरते हुए चुदवा रही थी। उसकी चूत बहोत ही टाइट थी। मै अपना लंड जोर जोर से उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा। मेरी कमर जल्दी जल्दी ऊपर नीचे होकर उसको चोद रही था। पूरे लंड से उसकी चुदाई करके मेरे को भी बहोत मजा आ रहा था। नेहा की आवाज बदल रही थीं। वो मेरा लंड खाकर “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज निकाल रही थी। उसकी आवाजो को सुनकर मेरे अंदर और भी जोश भर रहा था। नेहा के साथ सम्भोग शक्ति मेरी बढ़ती ही जा रही थी। मेरा लंड काफी सख्त हो चुका था। मैं तेजी से उसकी चूत फाड़कर उसका भरता बना रहा था।
मै कमर उठा उठा कर चोद के थक चुका था। मैंने सेक्स पोजीशन को बदल दिया। नेहा को बिस्तर से नीचे उतारा और झुकाकर उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया। मेरा लंड जड़ तक उसकी चूत में घुस गया। जोरदार की चुदाई में वो भी मेरा साथ दे रही थी। मेरे लंड को अपनी गांड हिला हिला कर खा रही थी। धीरे धीरे उसकी चूत ढीली हो गयी। उसकी चूत को फाड़कर उसका भरता बना डाला। कुछ देर बाद उनकी कमर को पकड़ कर सहारा लिया। जोर जोर से हचक के पूरा लंड उसकी चूत में पेलने लगा। वो “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्ह ह..अई…अई…अई…..” की आवाज के साथ उसकी चूत ने गरमा गरम माल कुछ ही देर में निकाल दिया। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम..मेरे को उसकी चूत के रस को पीने का मन करने लगा। मैंने अपना लंड निकाल कर उसकी चूत के माल को चाटकर साफ़ कर दिया। नेहा भी कुछ कम थोड़ी थी। उसने भी मेरे लंड के पानी को पीने के लिए मेरा लंड अपने मुह में रखकर जोर जोर से चूसने लगी। उसकी जीभ की रगड़ से मेरा लंड भी स्खलित होने की स्थिति में पहुच गया। मैने अपनी आँखों को बंद करके सारा माल नेहा के मुह में ही गिरा दिया। नेहा मेरे साथ चुदवा कर बड़ी खुश नजर आ रही थी। नंगे ही मेरे से लिपटकर पूरी रात लेटी रही। रात में कई बार मैंने उसकी चुदाई की। उसकी गांड को चोद कर मैंने खूब मजा लिया। आज भी मौसी के यहाँ जाकर नेहा की चुदाई मौक़ा मिलते ही कर देता हूँ।