दोस्तों मैं आप का दोस्त और चूत का आशिक रोहित उदेपुर राजस्थान से आप के लिए फिर से एक नयी चुदाई की कहानी ले के आया हूँ. दोस्तों मेरी उम्र 30 साल हे और मैं एक मेरिड मर्द हूँ! मेरी हाईट 6 फिट हे और मैं दिखने में गोरा हूँ. निचे वैसे क्लीन रखता हूँ लंड को लेकिन अभी कुछ दिनों से झांट नहीं निकाली हे मैंने. कमर मेरी 34 की हे और लोडा 6 इंच का हे. सेक्स के अन्दर एक्सपर्ट हूँ. कामुक से कामुक औरत को भी फुल संतोष दे के चोद दूँ. किसींग कर के लम्बा चोदने का मुझे अच्छा लगता हे. बात तब की हे जब मेरा एक कजिन भाई आईसीयु में एडमिट था. उसका होस्पिटल में ख्याल रखनेवाला कोई नहीं था तो मेरे अंकल ने मुझे कहा रोहित तू होस्पिटल में उसका ध्यान रखना. मैंने मना करना चाहा पर मैं मना कर नहीं सका. अंकल के लेग में प्रॉब्लम थी इसलिए वो अच्छे से चल नहीं पाते थे और मेरी चाची को अकेले में रात में छोड़ नहीं सकते हॉस्पिटल में. इसलिए मैं रुकने के लिए मान गया.
मेरे कजिन का एक्सीडेंट हो गया था इसलिए वो हॉस्पिटल में ज्यादा बेहोश रहता था. आईसीयु में उसका बेड लास्ट में था. उसके बेड के जस्ट पास में आईसीयु के डॉक्टर्स का एरिया था जहाँ पर डॉक्टर्स बैठते थे. और उस के पास में वाशरूम था. और डॉक्टर्स के बैठने के एरिया के पास एक केबिन सा बना हुआ था जहां पर नाईट में डॉक्टर्स सो सकते थे. मैं रात को 7 बजे हॉस्पिटल पहुँच गया. मेरा कजिन अभी भी बेहोश ही था. मेरे अंकल आंटी मेरा वेट कर रहे थे. मेरे आते ही उन्होंने मुझे हॉस्पिटल के बारे में थोड़ी बहोत जानकारी दी और वो दोनों घर के लिए निकल गए. मैं अपने कजिन के लिए अपने घर से कुछ फ्रूट ले के गया था बट वहां जा के पता चला की वो अभी सिर्फ ग्लूकोज पर हे.
मैं चेयर के ऊपर अपने कजिन के पास बैठ के अपन मोबाइल में सर्फ कर रहा था. थोड़ी देर में एक खुबसुरत और बहुत ही नर्स सेक्सी आई. उसने एक दूसरी नर्स को मेरे कजिन की मेडिसिन के बारे में समझाया और वो चली गई. वो नर्स बहुत ही सेक्सी दिखती थी. उसकी एज 35 की होगी लेकिन वो लगती सिर्फ 26 की थी. उसके गले में सोने के मंगलसूत्र था जिस से पता चल रहा था की वो शादीसुदा थी. उसके व्हाइट कोट में उसके बड़े बड़े 36 इंच के बूब्स बहार निकलने को बेताब से लग रहे थे, और उसकी गांड का हिस्सा भी एकदम मादक लग रहा था. बहुत ही प्यारा और कामुकता जगाने वाला सिन बनाती थी उसकी गांड. अंदर उसने लो कट स्यूट पहन रखा था. इसलिए जब भी वो मेरे कजिन की पल्स लेने के लिए झुकती थी तो मुझे उसकी क्लीवेज के साथ साथ उसके निपल्स के भी दर्शन हो जाते थे. उस के निपल्स देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. शायद मुझे उसने अपने निपल्स देखते हुए देख लिया था.
फिर वो मेरे कजिन की बोतल चेंज कर के अपनी डेस्क पर चली गई. उसकी डेस्क और मेरी चेयर के बिच में मुश्किल से 10 फिट की दुरी होगी. मैंने उसे देखने लगा. वो पेशंटस की फाइल्स चेक कर रही थी. वैसे उस रात आईसीयु में सिर्फ 3-4 पेशंट्स ही थे. थोड़ी ददर बाद वो सारे पेशंट्स की दवाई दे के फ्री भी हो गई. अब वो अपनी डेस्क पर आ के बैठ गई. मैं बोर सा हो रहा था तो मैंने उसके साथ बात चल कर दी. पहले मैंने बात स्टार्ट करने के लिए अपने कजिन के बारे में जनरल डिटेल्स पूछी की कब तक ठीक होगा मेरा भाई वगेरह वगेरह. फिर मैंने उसके बारे में पूछा तो पता चला की वो नर्स नहीं थी पर डॉक्टर थी. उसका नाम डॉक्टर जयश्री था. उसकी नाईट ड्यूटी रहती हे इस आईसीयु में. उस के पति भी डॉक्टर हे और वो अपनी आगे की पढाई के लिए अमेरिका गए हुए थे.
बातों बातो में मैंने उसका मोबाइल नम्बर मांग लिया. पहले तो उसने मना किया बट मेरे रिक्वेस्ट करने पर उसने दे दिया. रात के करीब 12:30 बजे थे. मैंने देखा तो वो व्हाट्सएप्प पर थी. मैंने उसे हाई लिख कर मेसेज कर दिया. उसने अच्छे से रिप्लाय किया. उस रात को मेरी उस से एकदम नार्मल बातचीत हुई. फिर 2 3 दिन तक ऐसे ही चलता रहा. और हम धीरे धीरे थोडा बहुत फ्रेंक भी हो गए थे अब. 3-4 दिन के बाद की बात हे. शनिवार थी! उस रात आईसीयु में सिर्फ 2 पेशंट थे. एक तो मेरा कजिन और दूसरा पड़ोस वाले बेड में कोई छोटा बच्चा था. उस बच्चे की माँ उसके साथ रुकी हुई थी. मैं डॉक्टर जयश्री के साथ चेट कर रहा था. पता नहीं मुझे क्या सुझा मैंने उसे मेसेज कर दिया की क्या हम सेक्स चेट कर सकते हे? वो मुझे घुर के देखने लगी. फिर स्माइल आई उसकी और रिप्लाय में ओके लिखा हुआ आया!
मैंने उसे पूछा, आप ने लास्ट टाइम सेक्स कब किया था?
तो वो बोली, करीब 3 महीने पहले. उसके पति भी बीजी रहते थे और अब तो वो अब्रोड हे इसलिए नहीं होता था सेक्स.
फिर उसने मुझसे पूछा की तुमने कब किया था. तो मैंने उसे कहा की मैं यहाँ हॉस्पिटल में आने से पहले ही अपनी वाइफ के साथ सेक्स किया था.
उसकी बातो से मुझे पता चल गया था की ये औरत सेक्स के लिए तडप रही हे. अगर इस से सेक्स के लिए पूछा तो मना नहीं करेगी वो. मैंने उसके साथ मेसेज ही मेसेज में फ़्लर्टिंग चालु कर दी. और उसकी तारीफ़ करने लगा. फिर मैंने उस से पूछा की क्या तुम मुझे एक किस दे सकती हो?
उसका रिप्लाय आया, पागल हो गए हो क्या, कही किसी ने देख लिया तो?
मैंने कहा, अरे बाबा आज तो आईसीयु खाली हे और सब सो गए हे. फिर उसने कहा ओके देखती हूँ. ट्राय करते हे.
हमारे मोबाइल साइलेंट थे. वो कुछ देर के बाद डॉक्टर के सोने के लिए बने हुए केबिन मे घुस गई. 5 मिनिट के बाद उसका मेसेज आया की सब सो रहे हो तो आ जाओ. मैं भी उसके पीछे केबिन में घुस गया. फिर हमने केबिन को अन्दर से लॉक कर दिया. अन्दर जाते ही मैंने अंदर की सीऍफ़एल को ऑफ कर दी और उसे पकड़ लिया. मैंने उसे जोर से गले लगा के किस लिया. वो पूरा साथ दे रही थी मेरा. वो बहुत ही सेक्सी तरीके से किस कर रही थी. पता चल रहा था की ये औरत बहुत ही गरम हे.
हमारे होंठ एक दुसरे के होंठो का रस चूस चूस के पी रहे थे. इतनी अच्छी किसिंग तो कभी मेरी वाइफ ने भी नहीं की थी. मैं जोश में आ गया आयर मैंने उसका एप्रोन जो अँधेरे में चामल रहा था उतार के साईड में रख दिया. और मैं डॉक्टर जयश्री के बूब्स को दबाने लगा और वो तडप उठी. उस के बूब्स बहुत ही बड़े थे और मुलायम भी थे. मैं उन्हें दबाने का मस्त मजा लुट तह था. फिर मैंने उसका स्यूट उतारना भी चालू कर दीया. पर वो बोली ऊपर का रहने दो, और उसने खुद अपनी सलवार को खोल दिया मेरे लिए.
फिर वो स्ट्रेचर पड़ी थी उसके ऊपर ही अपनी टांगो को खोल के लेट गई. और मैं निचे घुटनों के बल बैठ के उसकी चूत के साथ खेलने लगा. पहले मैंने उसकी चूत में हाथ फेरा और पेंटी के ऊपर से रब किया. उसकी चूत पे काफी बाल थे. जंगली चूत लग रही थी.फिर उसने कहा मेरी चूत को लिक करो ना प्लीज़! मैंने उसकी चूत को खूब चाटा. वो पूरी गीली हो चुकी थी. एक अजीब सी महक आ रही थी उसकी चूत से. उसकी चूत काफी टाईट लग रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे काफी जवान लड़की की चूत हे! चूत चाटने के बाद उसने मेरी जींस उतार के मेरा लंड पकड़ के उसके ऊपर बहुत सारी थूंक लगा दी और वो बोली, चोदो मुझे. वो स्ट्रेचर दो आदमी के लिए ठीक नहीं थी इसलिए मैंने उसे झुक के खड़े होने के लिए कहा. वो घोड़ी बन गई.
मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में सेट किया और उसकी चूत मारने लगा. बहुत मजा आ रहा था. उसकी चूत पे मेरा लंड रगड़ रहा था तो एक अलग ही नशा चढ़ रहा था. फिर मैंने अपनी स्पीड पकड़ ली और उसे झटके दिए. वो हलकी हलकी सी सिसकारियाँ ले रही थी. हम दोनों फुल ओन चुदाई कर रहे थे. फिर हम दोनों एक साथ छुट गए. मैंने अपना माल डॉक्टर जयश्री की चूत में ही छोड़ दिया.फिर वो घूम गई और मुझे फिर से किस करने लगी. थोड़ी किसिंग के बाद हम वन बाय वन केबिन से बहार निकल गए. वो सीधे ही वाशरूम में चली गई. वो रात को जो चोदने के मजा आया वो बड़ा ही मस्त था!
उसके बाद वो फिर से केबिन में चली गई और उसने मुझे आई लव यु लिख के भेज दिया. मैंने भी आई लव यु टू लिख के भेजा उसे.
फिर उसने लिखा: क्या कल हम मेरे घर पे मिल सकते हे?
मैंने कहा: घर पर क्यूँ?
जयश्री ने कहा. काल संडे हे तो मैं ऑफ ले लुंगी और मेरे घर पर कल कोई भी नहीं हे तो मैं अकेली ही हूँ. तुम आ सकते हो मेरे घर पर?
मैं समझ गया की उसका मन इस जल्दी जल्दी वाली चूत में भरा नहीं था. मैंने कहा ठीक हे मैं आ जाऊँगा डियर.
अगले दिन मैंने अपनी वाइफ को कह दिया की मैं हॉस्पिटल जा रहा हूँ. और इधर मैंने अंकल को बोला की मैं काल से जा रहा हूँ इसलिए आज हॉस्पिटल नहीं जा पाउँगा. अंकल बोले ठीक हे मैं चला जाऊँगा आज की रात. मैंने रस्ते में से कुछ रेड गुलाब लिए और जयश्री के घर पहुँच गया.
उसका घर एक बंगलो था, बहोत ही मस्त और पोश वाला. 3 मजले का था और मैंने बेल बजाई तो उसने ही दरवाजा खोला. उसने रेड सिंगल पिस पहनी हुई थी. वो एकदम प्रीटी जिंटा के जैसी कामुक और भरी हुई लग रही थी. मैंने उसे गुलाब दिए और उसके एक वाइब्रेंट स्माइल दे दी मुझे और थेंक यु सो मच बोला. उसने मुझे अन्दर आने के लिए कहा.उसका घर बड़ा ही कमाल का था. ड्राइंग रूम में सोफे सेर, एलइडी, लेपटोप, एसी, और ऐश-आराम की शायद ही कोई ऐसी चीज थी जो वहां अपर नहीं थी. वुडन फ्लोरिंग थी. पता चल रहा था की दोनों डॉक्टर पति पत्नी ने खूब पैसा बनाया हे. उस बंगलो में लिफ्ट भी लगी हुई थी.
मुझे ड्राइंग रूम में बिठा के वो किचन में चली गई और मेरे लिए केसर वाला दूध और आइसक्रीम ले के आ गई. हम दोनों ने टीवी देखते हुए आइसक्रीम खाया और दूध पी लिया. फिर जयश्री मुझे अपने बेडरूम मे लेगई. क्या खुबसुरत लाइटिंग थी उस रूम में. बेड भी बहुत जोरदार था. रूम में एसी था और जैस्मिन की खुसबू आ रही थी. उसने शायद रूम फ्रेशनर स्प्रे किया हुआ था. मैं उसे चोदने के लिए उतावला सा हो रहा था. फिर वो बोली मैं 2 मिनिट में आती हूँ. मैं बेड में अपने शूज और सॉक्स खोल के लेट गया और उसकी वेट करने लगा. वो करीब 5 मिनिट के बाद आई.तब उसने पर्पल ट्रांसपरेंट नाइटी पहनी हुई थी जिसके अन्दर वो बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. उसने आते ही रूम की लाईट ऐसे सेट की जिस से उसकी खूबसूरती और भी बढ़ गई. उसकी पूरी बॉडी मस्त लग रही थी हलकी सी लाइट में. उसने स्पार्कलिंग पर्पल लिपस्टिक भी लगा रखी थी. अब तो मेरा सबर टूट तह था और मैंने जा के उसे पकड़ लिया और बेड में ले आया और उसके ऊपर शर्ट उतार के चढ़ गया. मैं उसके ऊपर भूखे शेर के जैसे टूट पड़ा. और मैंने उसको मस्त किस देना चालू कर दिया. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही और उसने कहा डार्लिंग मैं तुम्हारे लिए एक सरप्राइज लाइ हूँ. मैने कहा क्या? उसने कहा ऐसे नहीं रुको. और फिर उसने मेरी आँखों के ऊपर एक काली पट्टी बाँध के मुझे ब्लाइंड-फोल्ड कर दिया.
मेरा जोश और भी बढ़ गया. वो मुझे आँखे बंद कर के खुश करना चाहती थी. फिर उसने मुझे बेड पर धक्का दे दिया और खुद वो मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी. बट मुझे कुछ अजीब लगा की वो जयश्री नहीं हे बल्कि कोई और हे. मैंने अपने हाथ से आँखों के उपर से पट्टी को हटा दी. वहां पर सच में जयश्री की जगह कोई और लड़की ही थी जो मुझे किस कर रही थी. इस से पहले मैं कुछ समझ पता जयश्री जो की साइड में खडी हुई थी उसने कहा, डार्लिंग ये मेरी दोस्त हे तृप्ति. ये मेरी बेस्ट फ्रेंड हे और तुमने एक बार कहा था न की तुम्हे एक साथ दो औरतों को चोदना पसंद हे तो मैं दूसरी औरत ले आई हूँ तुम्हारे लिए. मुझे लगा की तुम्हे पसंद आएगा! तृप्ति भी जयश्री के जैसी ही सेक्सी औरत थी. उसकी एज भी 30 की होगी और काफी कुछ वो शर्मिला टागोर के जैसी लगती थी. स्लिम बॉडी, क्यूट फेस, बच्चो के जैसी प्यारी स्माइल, मीडियम 32 इंच जितने बूब्स, इतनी सेक्सी लड़की को ब्लेक बिकिनी में बेड में देख के भला कौन मर्द खुद को रोक सकता हे.
मैंने उन दोनों को पकड़ लिया और हम तीनो किसिंग करने लगे, मैंने तृप्ति को स्मूच किया. वो भी पूरा साथ दे रही थी. उधर जयश्री ने मेरे कपडे उतारे. अब हम तीनो अंडर गारमेंट्स में थे. मैंने जयश्री का गाउन उतार दिया और उसके बूब्स चूसने लगा. मेरे हाथ तृप्ति के बूब्स पे थे. मैं दोनों के बूब्स का मज़ा एक साथ ले रहा था. हम तीनो बेड पे आग लगा रहे थे. मैंने तृप्ति की फुल बॉडी पे किस्सिंग की ऊपर से निचे तक, आगे पीछे पूरी बॉडी के ऊपर. वो पागल हो गई और मुझे कहने लगी, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह प्लीज़ फक मी नाऊ.
पर मेरा मूड तो कुछ और ही था. मैंने उन दोनों की ब्रा पेंटी उतार दी और उनकी चूतों को चाटने लगा. तृप्ति की चूत फुल क्लीन थी और जयश्री ने भी शायद मेरे आने से पहले ही झांट को बनाया था. दोनों की चूत में ऊँगली करने लगा मैं. और उन्हें चाटने भी लगा. कमरे के अन्दर से अह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह यस्स अह्ह्ह्हह की आवाजें आ रही थी. और इन आवाजों की वजह से मेरा जोश और भी बढ़ रहा था. फिर जयश्री ने तृप्ति को बोला अब दूर हट पहले पहले मेरा नंबर हे. जयश्री ने मुझे मसाज आयल दिया और बोली प्लीज मुझे अपने हाथो से एक सेक्सी और हॉट मसाज दे दो मेरी जान. मैंने तेल लगा लगा के उसकी पूरी बॉडी का मसाज किया. शायद वो तेल जापानी आयल था. लेकिन उस से मसाज करने के बाद जयश्री की बॉडी एकदम से चमक रही थी जैसे.
फिर तृप्ति ने तेल ले के मेरे लंड की मालिश की और फिर मैंने धीरे धीरे डॉक्टर जयश्री को चोदना चालू किया. मेरा लंड उसकी चूत में गया भी नहीं था की ऐसे चीखने लगी की जैसे वो कुंवारी चूत चुदवा रही हो अपनी, अह्ह्ह्हा ह्ह्ह्हह्ह औऊऊऊ अह्ह्ह्हह्ह ईईईईइ बाप रे माआर दाआआआला. इधर मैं जयश्री को चोद रहा था और उधर तृप्ति के होंठो मेरे होंठो के ऊपर आ गए थे. ये मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था. 2 बहोत ही सुन्दर और पढ़ी लिखी लेडिस को मैं एक ही बिस्तर में एक साथ चोद रहा था.
अब मैंने अपनी स्पीड बढाई और जयश्री को पेलने लगा. मेरा हर स्ट्रोक लगने पर वो अपनी गांड को उछाल उछाल के चुदवा रही थी. बहोत ही मजा आ रहा था हम दोनों को ही. उसकी उईइ अह्ह्ह येस्स अह्ह्ह की आवाजें मुझे पागल कर रही थी. थोड़ी देर की चुदाई के बाद वो बहुत जोर से डिस्चार्ज हो गौ और उसने मुझे कस के अपने गले से लगा लिया. पर मेरा झड़ना तो अभी बाकी था. तृप्ति ने अब जयश्री को हटा दिया और खुद मेरे निचे लेट गई अपनी चूत को खोल के. अब उसके लंड लेने की बारी थी. मैंने अपने लोडे को डॉक्टर तृप्ति के बुर में डाला. उसकी चूत जयश्री की चूत से ढीली थी. हम दोनों चुदाई करने लगे तक तक जयश्री बाथरूम में चली गई.
कुछ देर चोदने के बाद मेरा चूत चाटने का मन हो गया. मैंने लंड को निकाल के तृप्ति की चाट ली. तृप्ति तो जैसे सातवें आसामान के ऊपर थी. मैंने फिर से अपने लंड को उसकी चूत में डाल के चोदना स्टार्ट कर दिया. एसी ओन था फिर भी मेरा और उसका बदन पूरा पसीने से लथपथ हो रखा था. चुदाई की वजह से पूरा बिस्तर हिल रहा था और कमरे के अन्दर उसकी सिसकियाँ और लंड-चूत और हम दोनों की जांघो के लड़ने की ठप ठप की आवाज आ रही थी.
जयश्री वापस आ के बैठी. और मुझे और तृप्ति को चोदते हुए देखने लगी. कुछ देर में मैंने अपना माल तृप्ति की चूत में उड़ेल दिया. फिर हम तीनो ने बैठ के सिगरेट पी ली. कुछ देर बाद तृप्ति ने मुझे हेंडजॉब दिया. जयश्री वो तेल ले के आई और मेरे लंड पर लगा के दोनों ने उसे हिलाया. और मैं फिर से इन दोनों को चोदने के लिए रेडी था. डॉक्टर जयश्री के घर पर उस रात, चूत और गांड की चुदाई की महफ़िल सुबह तक चलती रही. सुबह मैंने जयश्री की चूत को देखा तो वो लाल हो गई थी और उसके ऊपर मेरे सूखे हुए वीर्य के निशान थे. मुझे ऑफिस भी जाना था इसलिए मैं नाहा के वहां से निकल गया. जयश्री ने कहा मैं जल्दी ही फिर से तुम्हे नाईट के लिए बुलाऊंगी. मैंने कहा मर्जो हो तब बोल देना, बन्दा आप को चोदने के लिए हाजिर हो जाएगा.