आज भी होली का दिन हे इसलिए वो सेक्सी भाभी का हॉट किस्सा मुझे याद आ गया. इसलिए मैंने सोचा की आप लोगों के साथ इस बात को शेयर करता चलूँ.,, दोस्तों मेरा नाम विश्वजीत हे और मैं बंगाली आदमी हूँ. मैं अपने आर्ट के काम के लिए मुंबई में गया हुआ था लास्ट होली पर तब की ये बात हे.
भिवंडी के एक फ्लेट में मैं, हिमांशु और उसकी वाइफ दीपा बैठे हुए थे. दिन में बहुत होली खेली थी हमने. और शाम को मैं और हिमांशु बैठ के पी रहे थे. आगे बढ़ने से पहले आप को बता दूँ की हिमांशु मेरा कोलेज फ्रेंड हे. और उसकी वाइफ दीपा उसकी लवर थी कोलेज के दिनों में ही. दोनों खूब सेक्स करते थे उन दिनों ही. और फिर दोनों ने शादी भी कर ली. दीपा एकदम हॉट और गुड लुकिंग औरत हे. उसके मम्मे बहार को उभरे हुए हे और गांड का बम्प भी बहार आता हे. जब वो जींस पहनती हे तो जैसे गांड बहार आ गई हे पूरी के पूरी! मैं और हिमांशु दो दो पेग आलरेडी ले चुके थे. दीपा ही हमारे लिए पेग बना रही थी. मैंने देखा की मेरे पेग से हिमांशु का पेग ऑलमोस्ट डेढ़ गुना सा था. मुझे लगा की शायद हिमांशु ज्यादा मांगता होगा इसलिए.
सेकंड पेग के बाद हिमांशु बक बक करना चालू हो गया. फिर हम लोगो ने खाना खाया और हिमांशु की जबान वहां भी लडखडा रही थी. दीपा ने मुझे कहा, प्लीज़ हेल्प में हिमांशु को बेड में डाल दें वरना वो मुड़ की माँ बहन कर देगा.
खाने के बाद हिमांशु को सोने में पूरी 10 मिनिट भी नहीं लगी. उसका बेडरूम निचे ही था.
दीपा ने नशीली आँखों से मुझे देखा. और वो बोली, मैं चेंज कर के आती हूँ फिर हम बैठते हे!
मैंने तो सोचा था की वो भी सोने को भागेगी हिमांशु के साथ. पर वो तो बैठने की बात कर रही थी.
दोस्तो हिंदी भाषा ऐसी हे की एक ही शब्द या वाक्य के कई मतलब निकलते हे. बैठना सीधी जबान में बैठने को कहते हे. दो शराबी अगर कहे की बैठते हे तो वो शराब पिने की बात हु. एक रंडी अगर बैठने को कहे तो वो चुदाई की बात हुई.
मैं सोच रहा था दीपा ड्रिंक करने की बात कर रही थी या ऐसे ही बैठेने को!
थोड़ी देर में जब वो आई तो मेरा सब नशा हवा हो गया. एकदम सी पतली नाइटी थी उसके बदन पर जिसके अन्दर से उसके बदन का एक एक अंग और मरोड़ साफ़ दिख रहा था. उसने ना ब्रा पहनी थी ना ही निचे पेंटी थी. शायद मुझे चूत दिखलानी थी उसे! मैं उसे ही देख रहा था.
वो मेरे पास आई, और बोली, ड्रिंक करेंगे ने मेरे साथ?
मैं एक पल के लिए तो बोल नहीं पाया. फिर मैंने गला साफ़ कर के कहा, ह्हह्हा हां.
उसने हिमांशु वाले ग्लास में अपना ड्रिंक बनाया और मेरे लिए एक छोटा सा पेग बनाया. उसने एक ही घोंट में पूरा पी लिया. मैं फटी आँखों से उसे ही देख रहा था. फिर उसने दूसरा स्माल बनाया और उसे भी ऐसे ही पी गई. फिर वो वासना भरी निगाहों से मेरी तरफ ही देख रही थी. मेरी नजर बार बार उसकी पतली कमर और ऊपर बहार आने को बेताब चुन्चियों और निपल्स के ऊपर ही थी. साली क्या सेक्सी लग रही थी. अपने दोस्त को धोखा नहीं देना चाहता था पर लंड था की बवाल मचाये हुए थे.
दीपा भाभी मेरी तरफ सरक गई. उसकी जांघ मेरी जांघ से सट गई. उसकी जांघ एकदम सिल्की टच वाली थी. मैंने उसे देखा तो उसने मेरे माथे पर हाथ रखा और धीरे से वो उसे मेरे होंठो के ऊपर ले आई. और जब उसने दोनों होंठो के बिच में अपनी ऊँगली को रखा तो मैंने उसे अपने दांतों के तले ले लिया. मैं भाभी की ऊँगली को चूसने लगा. वैसे ही जैसे एक औरत लंड को चुस्ती हे. भाभी आह कर उठी. और उसका हाथ फटाक से मेरे लंड पर जा बैठा. मैंने भाभी को नजदीक खिंच के उसके होंठो पर अपने होंठो को लगा दिए. भाभी के मुहं से बिटर यानी की कडवी व्हिस्की महक रही थी. हम दोनों एक दुसरे को चूमने लगे और चाटने लगे.
भाभी किस करते करते अपने हाथ से मेरे लौड़े को खोल के बहार ले आई. मेरा लंड एकदम तन के खड़ा हो चुका था. नॉर्मली आल्कोहोल लेने के बाद लंड कम खड़ा होता हे लेकीन अपना ऐसा नहीं हे!
भाभी ने लौड़े को अपने हाथ से हिलाना चालू कर दिया. और उसके होंठो को मेरे होंठो से लोक कर के वो जोर जोर से चुम्मे दे रही थी. हम दोनों ही एक दुसरे की बाहों में गर्मी महसूस कर रहे थे.
और फिर दीपा भाभी निचे को झुकी और मेरे लंड पर चली गई. वहां निचे बैठ के उसने लंड के सुपाडे के ऊपर एक प्यार भरा चुम्मा दे दिया. अह्ह्ह उसके गर्म गर्म होंठो ने मेरे ठंडे लंड में अगन सी लगा दी. फिर उसने ऊपर देखा. और मेरे होंठो पर एक चुम्मा दे गई.
फिर वो वापस निचे चली गई. उसने अब की लंड को मुहं में भर के चुस्से चालू कर दिए. मैं बेहाल सा हो गया. वो लंड चूस रही थी उतने में मैंने अपने शर्ट के बटन खोले और उसे उतार फेंका. लंड चूसते चूसते दीपा भाभी ने मेरी पेंट को निकाल फेंका.
वो एकाद मिनिट लंड चूस के खड़ी हुई. और मैंने उसके बदन से वो नाम की नाइटी को निकाला. मेरी अन्डरवेर भी निकाल फेंकी. अब हम दोनों पुरे नंगे खड़े थे एक दुसरे के सामने. दीपा की चूत सीऍफ़एल के प्रकाश में चमक सी रही थी, उसके ऊपर कसम खाने के लिए भी एक बाल नहीं था. मैंने अपने हाथ से चूत को टच किया. वो बड़ी ही गर्म थी. मैंने भाभी को अपनी बाहों में उठाया और सोफे के ऊपर डाल दिया. उसने अपन दोनों टाँगे खोली. मैंने 69 पोज़ीशन बना ली उसके साथ. वो मेरे लंड को सक करने लगी. और मैं उसकी चूत में जबान घुसेड के प्यार देने लगा! बड़ा ही मादक माहोल बन गया था, शराब और शबाब की वजह से!
दो मिनिट तक मैंने भाभी के क्लाइटोरिस और चूत के होंठो को ऐसे चूसा की वो झड़ गई. उसने भी लंड को बड़े सटीक अंदाज़ से अपने मुहं में चलाया था. कसम से मैंने अपनी पूरी लाइफ में ऐसा ब्लोव्जोब कभी नहीं करवाया था!
मैं भी इस लंड चूस की मस्ती के आगे नहीं टिक सका. और एक मिनिट में मेरे लंड की व्हुपिंग क्रीम भी भाभी के मुहं में निकल पड़ी. भाभी ने जितना पी सकती थी पी लिया. और बाकी के वीर्य को उसने होंठो पर और फिर उसे अपने हाथ से चुन्चो पर ले लिया.
मैंने पोजीशन ब्रेक की और एक सिगरेट सुलगा ली. दो कस के बाद भाभी ने हाथ लम्बा किया तो उसे भी दे दी. वो भी सिगरेट फूंकने लगी. सिगरेट के खत्म होने से पहले ही वो फिर से मेरे लंड को पपकड़ के हिलाने लगी. लंड को उसने एक मिनिट के भीतर फिर से कडक कर दिया. मैंने कहा, करेंगे?
वो आँख से हां का इशारा कर गई.
मैंने भाभी की दोनों टांगो को सोफे में ही खोला. और अपने लंड को पकड़ के उसके छेद पर टिका दिया. दीपा भाभी की चूत चिकनी थी और लंड बिना किसी एक्स्ट्रा घर्षण के फिसल सा गया. भाभी ने मुझे खिंच लिया अपनी तरफ और मेरा लंड बिना टेंशन के उसके बुर में घुस के धक्के लगाना चालू कर गया!
दोस्तों फिर तो वही हुआ जो हर सेक्स कहानी में आप पढ़ते हे धक्के लगे, चुदाई हुई और पानी निकला! पर आप को सच कहूँ दीपा भाभी के साथ के वो पल इतने हॉट थे की शायद अपनी लाइफ की हर होली पर मुझे वो याद आएगी! मैं हिमांशु के पास मुंबई नहीं गया होली के बाद. लेकिन अब एक बार फिर से वहाँ जाने के मुड़ जरुर बन गया हे ये सेक्स की स्टोरी लिखते लिखते!
दोस्तों जाने से पहले आप सभी हिंदी पोर्न स्टोरीज़ के रीडर्स को विश्वजीत की तरफ से होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं