हाय फ्रेंड्स मेरा नाम पारुल सिंह है। मै जौनपुर में रहती हूँ। मैं बचपन से ही बहुत हॉट लगती थी। मै आज भी बहुत ही खूबसूरत लगती हूँ। अब तक मैं एक बच्चे की माँ चुकी हूँ। मेरी शादी जल्दी में हो गयी। मै पहले तो अपने पति से संतुष्ट नहीं थी। लेकिन कुछ दिन साथ रहने पर एक दूसरे को समझ चुके थे। मै अपने गांव के एक लड़के से शादी करना चाहती थी। लेकिन मैं गांव की लड़की थी। वी शहर का रहने वाला था। वहाँ की लड़कियों से मै अलग थी। मैं देसी लड़की थी। मेरे को उसने कई बार चोद कर शादी करने का वादा करता था। दोस्तों मै उससे पहली बार कैसे चुदी ये बात मैं आपको अपनी इस कहानीं में बताती हूं। ये मेरे जीवन की सच्ची घटना है। ये बात मेरे शादी के पहले की है। मेरे हवसी हसबैंड ने मेरे को सुहागरात के कुछ ही दिन बाद प्रैग्नेंट कर दिया। जब मै 24 साल की थी।
मेरी चढ़ी जवानी में मेरे को लंड की जरूरत थी। मेरे घर के बगल में जगत अंकल का घर था। उनके घर के सारे लोग बाहर शहर में रहते थे। उनका जौनपुर में बहुत बड़े कपडे की दुकान थी। मै गांव में पढ़ी लिखी लड़की थी। जगत अंकल के यहाँ एक लड़का था जिसका नाम आसू था। वो बहुत ज्यादा ही खूबसूरत था। बचपन में जब वो शहर से अपने घर आता था। तो हम लोग खूब खेलते थे। पहले आसू महीने में एक बार घर आता था। लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती गयी। पढ़ाई का प्रेशर बढ़ता गया। वो साल में एक बार आने लगा। उससे चुदने का मन कर रहा था। लेकिन उससे कहने की हिम्मत नहीं होती थी। उसकी बॉडी को देखकर उसके लंड को देखने को मन करता था। मेरे चूचे बहुत बड़े बड़े थे। मेरे को चोदने को गांव के कई सारे लड़के परेशान थे। मेरे गाँव के लड़के बहुत ही बतमीज थे। इसीलिए मै अपनी जवानी को बचाकर उनसे रखी हुई थी। ठंडियो की छुट्टी में आसू अपने घर आया हुआ था। मैं उसे देखते ही खुश हो गयी। जब भी वो आता था सबसे पहले मेरे घर मेरे से मिलने आता था। आसू के घर आते ही मेरे चेहरे पर एक रौनक सी आ गयी। मै उससे चुदने का प्लान मन ही मन बनाने लगी। हम दोनों का छत एक दूसरे के छत से अटैच था। मेरा कमरा ऊपर था। आसू भी ऊपर के कमरे में रहता था।
हम दोनों के घरों में सिर्फ एक छोटी सी दीवाल का फासला था। उसे कूद कर एक दूसरे के घर में आ जा सकते थे। आसू से बार बार मैं चिपक कर उसको जवान होने का एहसास दिला रही थी। जान बूझकर उसके शरीर में अपने दूध को स्पर्श करा रही थी। वो भी मेरे दूध को एहसास करके आहे भर लेता था। उसके आने के एक दिन बाद मेरे पापा ऑफिस भी बन्द था। मम्मी ने पापा से मामा के यहां जाने को कहा। पापा मम्मी दूसरे दिन मामा के यहां चले गए। घर पर सिर्फ मै और मेरे बूढ़े दादा जी ही थे। मैंने उसका फ़ायदा उठाने के लिए आसू से बात की।
मै: आसू तुम जब आते हो तो मेरे को टाइम नहीं मिल पाता अच्छे से बात करने का! कभी मम्मी कुछ करने को कहती है तो कभी पापा!
आसू: तुम्हे तो पूरा दिन टाइम नहीं रहता! तो अच्छे से बात कब करोगी
मै: मेरे मम्मी पापा मामा के यहां गये हुए हैं। दादा जी नीचे लेटते हैं तुम चाहो तो आज रात को मेरे ऊपर वाले मेरे रूम में आ सकते हो
आसू: किसी को पता चल जायेगा तो बहोत बुरा होगा!
मै: तुम अपने छत से आ जाना मै अपने छत का दरवाजा खुला रखूंगी
मेरा मन बहुत ही चुदने को कर रहा था। मै किसी तरह से आसू के लंड को खाना चाहती थी। आंसू भी बेकरार लग रहा था। शाम बीत चुकी थी। रात हो चुकी थी। आसू सोने के बहाने ऊपर के रूम में आ गया। रात के 11 बज रहे थे। सारे लोग सो गए। आंसू धीरे से छत पर से मेरे घर के अंदर आ गया। मै उसी का इंतजार कर रही थी।
आसू: बताओ पारुल कौन सी बात करनी थी
उस दिन मैंने बहुत ही मेकअप किया हुआ था। हॉट सेक्सी लगकर उसको अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए मैने हाफ लोवर और टी शर्ट पहन कर रजाई ओढ़ के लेटी हुई थी। ठंडी काफी थी लेकिन बंद कमरे कम ठंड लग रही थी।
मै: आसू तुम्हारी तो बहुत सारी लड़कियों के साथ चक्कर चल रहा होगा
हम दोनो एक दूसरे से बिल्कुल फ्रेंक थे।
आसू: नहीं मैं अभी तक सिंगल हूँ तेरे तो बहुत आशिक़ हो गए होंगे
मै: मेरा अभी तक कोई है ही नहीं!
आसू ने रजाई को हटाते हुए बिस्तर पर आ गया। मेरी चिकनी गोरी टांगो को देखकर वो भी मोहित हो गया। मेरे को चोदने के लिए वो भी परेशान हो गया।
आसू: कितनी हॉट है तू इतनी ठंडी में सिर्फ हाफ लोवर पहनी है तूने! इसे भी निकाल दे. इतना कहकर वो हँसने लगा। मै उसकी तरफ अपना मुह घुमाते हुए उसके गालो पर एक थप्पड़ बड़े प्यार से मार दी। तू भी सारे लड़को के जैसा ही है “मैंने कहा” वो मेरे से लिपटने लगा।
आसू: पारुल आज तेरे पर बहुत प्यार आ रहा है
मै: तो करलो ना जी भर के प्यार
आसू: मेरा साथ देगी
मैने हाँ में हाँ मिलाई। आसू ने मेरे को सेक्स करने के बारे में कहने लगा। वो बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगा। मेरे सिग्नल का इंतजार ही कर रहा था वो! मैने उसे कुछ भी करने से नहीं रोका। वो बहुत प्यार से मेरे को चिपकाते हुए अपने हवस की प्यास को बुझाने लगा। मेरे को हम दोनों की साँसे तेज होने लगी। उसने मेरे गले को किस करते हुए होंठो से अपने होठ को चिपका दिया। जोर जोर से मेरे होंठो को काट काट कर चूसते हुए वो अपने होंठो की प्यास को बुझा रहा था। मेरी तेज साँसों से आसू समझ गया कि मैं गर्म हो चुकी हूँ। आसू को भी चूत की प्यास थी। उसने मेरी सफ़ेद रंग के टी शर्ट को निकाल दिया। मैंने उस दिन सफ़ेद रंग की ब्रा और पैंटी भी पहनी हुई थी। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम मेरे को ब्रा में देखकर वो खुश हो गया। आंसू ने मेरी ब्रा को निकाल कर मेरे चुच्चो को पीने लगा। काले काले निप्पलों को दबाते हुए वो जमकर पी रहा था। उसके दांत मेरे निप्पलों में गड़ रहे थे। मैं जोर-जोर से सिसकारियां भरने लगी। “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअ अ….आ हा …हा हा हा” की मदमस्त सिसकारियां मेरे मुंह से निकलने लगी। भीम और जोर जोर से मेरे चूचो को दबा दबा कर पीने लगा। कुछ कुछ देर तक मेरे दूध को पीने के बाद आसू ने मेरा हाथ पकड़ा। वह पैंट के ऊपर से ही अपने लंड को मेरे हाथों से सहलाने लगा। उसके बॉडी की तरह उसका लंड भी बहुत मोटा तगड़ा लग रहा था। मैंने उसके लंड को देखने के लिए उसके पैंट से बेल्ट निकाल दिया। पैंट का हुक खोलते ही उसका लंड अंडरवियर में फूला हुआ दिख रहा था। मेरे तो पांव तले जमीन खिसक गई।
इतने दिनों से लंड देखने की तड़प आज पूरी होने वाली थी। सच ही कहा है किसी ने सब्र का फल मीठा होता है। कुछ ऐसा भी हुआ मेरे साथ! मैं जितना ही लंड खाने के लिए तड़पी थी। आज मेरे को उतना ही मोटा लंड मिलने वाला था। आसू ने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया। उसका काला मोटा घोड़े जैसा लंड मेरे सामने उपस्थित था वह देखने में बहुत ही डरावना लग रहा था। आसू अपने लंड को सहलाते हुए उसके टोपे से खाल को पीछे की तरफ धकेला! मेरे को उसका गुलाबी रंग का सुपारा साफ साफ दिखने लगा आइसक्रीम की तरह पिंक कलर के हैं उस सुपारे को काट काट कर खाने का मन करने लगा मैंने वैसा ही किया उसका लंड जोर जोर से हिला हिला कर चूसने लगी। आसू भी मेरी चूत चाटने को व्याकुल था।
उसने भी कुछ देर अपना लंड मेरी मुंह में रखकर चुसाया। मैंने उसके लंड के साथ खेल कर खूब मजे उड़ाए। आसू ने मेरी चूत चाटने के लिए मेरे को खडा किया। मेरी हॉफ लोवर को निकालकर उसने मेरे को पैंटी में कर दिया। मै चुदने को तड़पने लगी। मेरी टांगो को खोलकर उसने चिकनी साफ़ गोरी चूत के दर्शन कर के वो चाटने लगा। वो बेड से नीचे बैठा था। मैं “….उंह हूँ….हूँ…..मेरे चूत के देवता!! मोटे लंड के स्वामी!! अच्छे से चाटो मेरी रसीली चूत को!! हूँ….हमम अह ह्ह्ह…अई…..अई…..” की आवाज निकाल रही थी। मेरी आवाज को सुनकर वो और भी ज्यादा तेज चूसने लगता था। मेरी चूत के ऊपर उभरी हुई ख़ाल काली थी। फिर भी उसने काफी देर तक मेरी चूत को चाट कर मजा लिया। वो खड़ा हो गया। मेरी टांगों को पकड़ कर वो झुक गया। उसका लंड ठीक मेरी चूत के ऊपर था। मेरी चूत में अपना लंड वो जोर जोर से रगड़ने लगा।
मै फिर एक बार तड़प कर उससे लिपट गयी। उसने कुछ पल लंड को मेरी चूत में रगड़ने के बाद छेद से सटा दिया। आसू बार बार धक्का मार कर उसने मेरी चूत में लंड घुसाने की कोशिश कर रहा था। मेरे चूत की छोटी छेद में उसका लंड बहुत कोशिशों के बाद घुस ही गया। मैं जोर जोर से “……मम् मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊ ऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की चीखें निकाल रही थी। मेरी चूत में वो अपनी कमर झुक कर पेल रहा था। मैं भी बड़े मजे ले ले कर चुदवा रही थी। पहली बार की चुदाई का आनंद ही कुछ और था। उस दिन की चुदाई को याद करके मेरी आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वो जोर जोर से अपना लंड मेरी चूत में डाले हुए मशीन की तरह चोद रहा था। गांड पर हाथ पटक पटक कर उसे धीरे धीरे से चोदने की विनती कर रही थी।
लेकिन वो चूत का भुक्खड़ हवसी इंसान मेरी सुन ही नहीं रहा था। जोर जोर से अपना लंड डाल कर मेरी चुदाई किये जा रहा था। पूरा कमरा “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाजो से भरा हुआ था। मेरी चूत को फाड़कर उसने भोषडा बना डाला। उसके बाद मै कुछ ही पल में झड़ गयी। उसने चुदाई रोक दी। उसका लंड अब भी बहुत सख्त था। अपने लंड को मुठियाते हुए मेरी गांड चुदाई करने को उठा।
आसू: चल मेरी प्यारी पारुल आज तेरे को कुतिया बनाकर चोदता हूँ हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉटकॉम इतना कहकर मेरे को कुतिया स्टाइल में कर दिया। मेरी गांड की छेद से अपना लंड सटाकर मेरी गांड में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहा था। मेरी गांडमें उनका लंड घुसते ही मै“……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की जोर की चीखे निकालने लगी। मेरी गांड को फाड़ कर उसकी फाडू चुदाई कर रहा था। मेरी गांड में आसू का लंड अंदर बाहर हो रहा था। आसू अपना लंड गांड में घुसाकर दर्द का एहसास करा दिया था। मेरे को दर्द में भी मजा आ रहा था। मेरी गांड में आसू का लंड धमाल मचाये हुए था। कुछ देर बाद मेरे को दर्द से राहत मिलने लगी। मै भी अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी। वो जोर जोर से अपना लंड मेरी गांड में टांगों को पकड़ कर चोदने लगा। मै “……उंह हूँ……हूँ….मेरे चूत के देवता!! मोटे लंड के स्वामी!! अच्छे से चाटो मेरी रसीली चूत को!! हूँ…हमम अहह् ह्ह-…अई….अई….” की चीखों के साथ उसका साथ निभा रही थी। आसू ने मेरी गांड को फाड़कर उसका बुरा हाल कर दिया था।
गांड चुदाई कराने में मेरे को कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था। वो मेरे को कुतिया बनाकर जोर जोर से चोदने लगा।
मै: धीरे चोदो मेरी जान! तुम तो गांड को फाड़ कर उसका भरता बना रहे हो
उसने मेरी टाइट गांड को फाड़कर उसका भरता बना डाला। एक बार फिर जोर जोर से “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की चीख निकालने लगी। वो जोर के झटकें मेरी गांड में लगाने लगा। उनका लंड भी कुछ शॉट लगाने के बाद स्खलित होने की स्थिति में आ गया। आसू मेरी चुदाई को और भी ज्यादा तेज कर दिया। मेरी गांड में कुछ भी पलो में बहोत ही ज्यादा शॉट लगा दिया। आखिरकार वो भी झड़ ही गया। मेरी गांड में ही सारा माल गिराने लगा। उसके लंड का माल गिरते ही मेरे को अपनी गांड में कुछ गरमा गरम महसूस हुआ। उसके बाद उसने दो तीन दिन रूककर मेरी जबरदस्त चुदाई की।