गर्लफ्रेंड की देसी बुर की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे जन्मदिन पर बुलाया था. पर मैं उससे पहले ही पहुंच गया। वो मेरे होटल में आयी और …
सभी को मेरा नमस्कार।
मेरा नाम आर्यन (बदला हुआ) है। मैं इलाहाबाद का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 21 साल है, दिखने में ठीक हूं।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं।
काफी दिन से मैं भी सोच रहा था कि अपनी कहानी आपसे साझा करूं।
मैं कोई कहानी पहली बार लिख रहा हूं। अगर कोई गलती हो तो नजरअंदाज कर दीजियेगा।
यह कहानी मेरे और मेरी एक दोस्त स्वीटी (बदला हुआ नाम) के बीच की है जो कोटा में रहती है।
इस साल की शुरुआत में घटी सच्ची घटना है यह!
वैसे हम दोनों ने ऐसा होने का कभी सोचा भी नहीं था, मगर वो कहते हैं ना कि वक्त पता नहीं कब किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दे।
स्वीटी का जन्मदिन 4 जनवरी को होता है। हम एक साल से दोस्त हैं, ऑनलाइन मिले थे।
वो उसका 21 वां जन्मदिन था तो इस बार उसने मुझसे बोला कि अपना जन्मदिन वो मेरे साथ मनाना चाहती है।
मैंने भी उसकी बात मान ली और मैं उसको सरप्राइज देने के लिए नए साल से एक दिन पहले ही मतलब उसके जन्मदिन से 5 दिन पहले ही उसके यहां पहुंच गया बिना बताए ही।
मैंने उसे ये बात बतायी तो वो बहुत खुश हुई।
जब वो मुझसे मिलने आई तो मुझसे आकर चिपक गई और हम दोनों पहली बार गले मिले।
मैंने भी उसे कसकर गले लगा लिया।
उस टाइम मैंने उसके बारे में कुछ ग़लत नहीं सोचा था लेकिन उसकी खुशबू मुझे बहुत अच्छी लगी और उसकी खुशबू को अपनी सांसों में समाने लगा।
फिर कुछ देर बाद हम दोनों अलग हो गए।
अब जबकि मैं जल्दी पहुंच गया था तो मुझे एक होटल में रूम लेकर रुकना पड़ा क्योंकि वो अपनी फ्रेंड के साथ रूम में रहती थी।
मैं उसके साथ रुक नहीं सकता था।
उस दिन वो मुझसे मिलकर चली गई।
फिर हमने अगले दिन घूमने का कार्यक्रम बनाया क्योंकि उस दिन साल का आखिरी दिन था तो पहले हम काफी घूमे फिर शाम को मूवी देखने गए।
यहीं से हमारी कहानी शुरू होती है।
मुझे हॉलीवुड मूवी बहुत पसंद हैं तो हम वही देख रहे थे और आप तो जानते ही हो कि हॉलीवुड में सेक्स सीन बिल्कुल खुले होते हैं।
इसी तरह देखते हुए मेरा मन करने लगा तो मैंने अपनी फ्रेंड को गौर से देखा और सोचा आज नया साल अलग तरीके से मनाया जाए।
हम दोनों सबसे पीछे कोने वाली सीट पर बैठे थे।
हॉल में अंधेरा था तो मैंने इस बात का फायदा उठाते हुए अपना हाथ उसके हाथ के ऊपर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा।
जब उसने कुछ नहीं बोला तो उसके पीछे से हाथ ले जाकर कंधे सहलाने लगा।
मैं डर भी रहा था कि अगर इसने मना कर दिया या गुस्सा हो गई तो क्या करूंगा।
लेकिन शायद वो भी सेक्स सीन देखकर गर्म हो गई थी इसलिए उसने कुछ नहीं कहा।
मगर ये बात मुझे बाद में पता चली कि वो भी मुझसे चुदवाना चाहती थी।
खैर जब मैंने उसका कोई विरोध होते नहीं देखा तो धीरे से मैं उसके कुर्ते के अंदर हाथ डालकर उसकी चूचियां मसलने लगा।
तभी अचानक यह हुआ कि उसने सीधे मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मैं इस चीज के लिए तैयार नहीं था।
फिर भी किस करने के बाद उसने जब मुझे देखा तो हल्के से मुस्करा दी जिससे मैं समझ गया कि आज तो नया साल बहुत अच्छा होगा।
बस फिर क्या था … हॉल में बैठे हुए ही मैंने उसके मम्में खूब दबाए, मसले और सलवार में हाथ डालकर उसकी चूत को रगड़ा जिससे वो वहीं हल्की सी आवाज़ निकालने लगी।
हॉल में उससे ज्यादा कुछ कर नहीं सकते थे। तो जब हमारी मूवी आधे घंटे की बची थी तो अब उसमें हमें कोई मजा नहीं आ रहा था इसलिए हम मूवी बीच में ही छोड़कर होटल की तरफ चल दिए।
सिनेमा हॉल से होटल थोड़ा दूर था इसलिए हमें वहां पहुंचने में आधा घंटा लग गया।
रास्ते में हमने खाना पैक करवा लिया और मैंने सावधानी के लिए मेडिकल स्टोर से कुछ कंडोम भी ले लिए और पेन किलर भी।
ऐसा इसलिए क्योंकि मैं जानता था कि उसका पहली बार होगा तो उसे दर्द होगा इसलिए ये काम आएगा।
उसके बाद जैसे ही हम रूम के अंदर गए वो तो मुझपर टूट पड़ी और पागलों जैसे चूमने लगी।
मैं भी उसका साथ देने लगा और होंठों का रस पीते हुए उसे बेड पर ले गया।
फिर मैं उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों को चूमते हुए उसके मम्में सूट के ऊपर से ही दबाने लगा।
दोस्तो, मैं बता नहीं सकता कि क्या मजा आ रहा था उसके कसे हुए मम्में दबाने में … फिर हम थोड़ी देर के लिए अलग हुए और इसी बीच मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए।
अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी बैठी थी और थोड़ा शर्मा रही थी।
क्या क़यामत लग रही थी दोस्तो … 32-28-30 का फिगर था, हल्का गोरा सा बदन, लंबे बाल, गोल चेहरा, रसीले होंठ … मन करे कि चूमते रहें।
क्लीन शेव की हुई चूत थी उसकी और उसके देखने का अंदाज तो घायल ही कर रहा था।
अब तो उसका फिगर ज्यादा हो गया है, उस टाइम बहुत मस्त माल लग रही थी।
जब मैं उसे देख रहा था तो उसने बोला- मेरे कपड़े तो उतार दिए, अपने भी उतारो।
तो मैं बोला- खुद ही उतार दो।
उसने खड़ी होकर एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
अब हम दोनों ही नंगे हो गए थे।
फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसके ऊपर आ गया।
मैं उसके होंठों को चूमते हुए उसके मम्में दबाने लगा।
कुछ देर बाद मैं उसके मम्में चूसने और दबाने का काम एक साथ करने लगा जिससे वो काफी गर्म हो गई।
इस बार उसकी मादक सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज उठा।
उसके मम्में चूसते हुए एक हाथ से मैं उसकी चूत भी सहला रहा था।
क्या मस्त कसी हुई चूत थी उसकी … मुश्किल से 2 उंगली भी नहीं जा रही थी।
मैं उसे चूमते हुए नीचे की ओर आने लगा और उसकी नाभि पर किस करने लगा।
वो तो जैसे दोहरी हुई जा रही थी।
मगर मैं रुका नहीं … धीरे धीरे चूमते हुए उसकी चूत पर पहुंच गया।
जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ रखे उसकी आह … निकल गई और मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी।
क्या बताऊं कि कितना मजा आ रहा था दोस्तो!
अब मैं उसकी चूत को खाने लगा और इसी बीच वो एक बार झड़ गई।
मैंने उसका सारा पानी पी लिया।
इसके बाद उसे दोबारा गर्म करने के लिए उसे किस करने लगा।
उसकी चूत के पानी का स्वाद उसको भी चखाया।
थोड़ी देर बाद वो फिर से गर्म हो गई और बोली- अब और देर मत करो। तोड़ दो मेरी सील … मैं अब अंदर लिये बिना नहीं रह सकती।
तो मैं भी ज्यादा देर ना करते हुए उसकी टांगों के बीच में आ गया और उसको अपनी तरफ खींचकर लन्ड पर कंडोम चढ़ाने लगा।
उसने कंडोम लगाने से मना कर दिया और बोली- ऐसे ही करो।
मैंने लंड को उसकी चूत पर सेट किया और धक्का लगाया।
मगर उसकी चूत बहुत कसी हुई थी तो लंड को अंदर जाने में काफी दिक्कत हो रही थी।
मैंने बेड के साइड टेबल पर क्रीम रखी थी कि जरूरत पड़ेगी तो इस्तेमाल कर लूंगा. मैंने पास में रखी क्रीम को उठाया और काफी क्रीम उसकी चूत में लगा दी, थोड़ी लंड पर भी लगाई।
उसकी चूत के रस और क्रीम ने मिलकर काम आसान कर दिया।
अब मैंने उसकी चूत की फांकों को थोड़ा सा फैलाकर लंड को सेट करके जोर से धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया.
इससे वो एकदम से चिल्लाने लगी और रोने लगी और बहुत छटपटाने लगी।
मगर मैंने उसे नहीं छोड़ा और अंदर डाले डाले ही उसे किस करने लगा, उसकी कसी हुई चूचियां दबाने लगा।
इतना दर्द होने के बाद भी उसने मुझे निकालने को नहीं बोला क्योंकि वो भी उस दिन चुदवाना चाहती थी इसीलिए इतना दर्द सह गई।
फिर जब वो थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हुई तो मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा और उसे बोला- हैप्पी न्यू इयर!!
क्या बताऊं दोस्तो, कितना मजा आ रहा था।
जब मैं उसकी चुदाई कर रहा था तो मैंने देखा कि बिस्तर पर खून लगा हुआ था।
मैंने उसे ये सब नहीं देखने दिया मगर बाद में उसने देख लिया तो डर गई।
मगर वो जानती थी कि पहली बार में ऐसा होता है इसलिए वो फिर नॉर्मल हो गई।
मैंने उसे घोड़ी बनने को बोला तो वो तुरंत घोड़ी बन गई और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया।
अब मैं पीछे से स्वीटी को चोदने लगा।
क्या मस्त चूत चुदाई हो रही थी उसकी … उसकी सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज रही थीं और जब हम दोनों के शरीर टकराते थे तो उसकी आवाज भी उसकी सिसकारियों के साथ मिल जाती थी।
इसी बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी होने वाला था तो मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूं?
तो उसने कहा- पहली बार करवा रही हूं तो अंदर ही निकालो, मैं महसूस करना चाहती हूं।
ये सुनकर मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और आखिर में उसके साथ ही उसकी चूत में ही झड़ गया।
हम दोनों जोर से हांफ रहे थे … हमें पांच मिनट लगे नॉर्मल होने में।
इस दौरान हम दोनों एक दूसरे से लिपटे रहे और मेरा लंड खुद ही उसकी चूत से बाहर आ गया।
उसके बाद हमने बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया।
फिर मैंने उससे बोला- चलो कुछ खा लें, फिर आराम से करेंगे, हमारे पास बहुत टाइम है अब तो!
उसने अपनी फ्रेंड को कॉल करके बोल दिया कि वो रात को रूम पर नहीं आयेगी।
उसके बाद हम नंगे ही खाना खाने लगे।
वो मेरे ऊपर बैठी थी और हम दोनों एक दूसरे को खिलाते हुए किस करते जा रहे थे।
इसी बीच मुझे एक शरारत सूझी और मैंने मौका देखते हुए उसे थोड़ा सा उठाया और उसकी चूत में लंड पेल दिया।
फिर मैं धीरे धीरे नीचे से हिलता रहा और वो भी हल्की हिलती रही।
बाकी का खाना ऐसे ही उसकी चूत में लंड डाले डाले ही ख़त्म किया।
मजा आ गया दोस्तो, लंड को चूत का जितना मजा दो उतना कम।
फिर हमने खाना खत्म कर लिया।
लंड डाले हुए ही मैं उसे ऐसे ही बांहों में उठाकर हाथ धुलवाने बाथरूम तक ले गया और ऐसे ही लाकर बेड पर लिटा दिया और चुदाई करने लगा।
उस रात हमने कई बार चुदाई की और नंगे ही सो गए।
अगले दिन मैं जब उठा तो वो मेरी बांहों में सोई हुई थी … बहुत मासूम लग रही थी।
उसे उस वक्त देखकर मेरा मन फिर से उसे चोदने का करने लगा तो वैसे ही मैं लेटे लेटे ही उसे किस करने लगा और उसकी चूचियों को पीने लगा।
वो रात की चुदाई से थकी हुई थी तो सोती रही और मैं अपना काम कर रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने उसके पीछे की ओर लंड को सेट किया और धीरे से अंदर डाल दिया।
हमने रातभर चुदाई की थी तो उसकी चूत अब थोड़ी खुल गई थी इसलिए लंड आसानी से चला गया और मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा।
इसी बीच उसकी नींद खुल गई तो ऐसे ही उसे चोदते हुए मैंने उसके होठों पर किस किया और गुड मॉर्निंग बोलकर चोदने लगा।
अब वो भी थोड़ी मूड में आ गई थी तो वो मेरे ऊपर आ गई और चूत को लंड पर सेट करके अचानक से बैठ गई जिससे पूरा लन्ड उसकी चूत में एक साथ चला गया।
फिर वो धीरे धीरे ऊपर नीचे करके मेरे लन्ड की सवारी करने लगी और मेरे मुंह में अपनी चूचियां दे दीं जिन्हें मैं चूसने लगा और लेटे लेटे ही नीचे से धक्के लगाने लगा।
मैं लंड को डाले डाले ही उसके ऊपर आ गया और उसे जोर जोर से चोदने लगा।
वो भी आह … आह … करते हुए हर धक्के का जवाब कमर उठाकर दे रही थी।
ऐसे ही चोदते हुए मैं उसकी चूत में झड़ गया और फिर हम बाथरूम चले गए।
वहां भी हमने खूब मस्ती की, नहाते हुए एक दूसरे के अंगों से खूब खेला, मैंने उसकी चूचियों को खूब मसला और चूसा।
जोश में आकर उसने मेरे लन्ड को मुंह में लेकर चूसा भी, जबकि रात को जब मैंने उसे बोला था तो उसने मुंह में लंड लेने से मना कर दिया था।
ऐसा करते करते हम फिर से गर्म हो गए थे तो मैंने उसे वहां भी खड़े खड़े ही चोद दिया।
दोस्तो, चूत है ही ऐसी कि चाहे जितना चोदो मगर मन नहीं भरता।
अगले 4 दिन तक … मतलब उसके जन्मदिन तक वो मेरे साथ ही रुकी रही और हमने कई तरीकों से चुदाई का खेल खेला।
एक दिन इसी तरह उसने मुझसे बोला कि वो मुझसे अपने जन्मदिन पर सील तुड़वाना चाहती थी मगर मैंने पहले ही तोड़ दी।
तो मैंने उसे बोला- कोई बात नहीं, जन्मदिन का भी प्लान है मेरे पास और उसकी गान्ड को दबा दिया।
शायद वो भी समझ गई मगर उस टाइम कुछ बोली नहीं।
फिर हम दोबारा चुदाई में लग गए। काफी देर तक चुदाई का मजा लेते रहे।
दोस्तो, उम्मीद है कि अब तक की मेरी पहली कहानी आपको पसंद आई होगी। आगे की कहानी बाद में बताऊंगा कि कैसे उसकी गान्ड का उद्घाटन हुआ उसके जन्मदिन पर।
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