मेरी गांड की कहानी में पढ़ें कि मैं लड़कियों जैसा चिकना हूँ. मुझे लड़कियों के साथ-साथ लड़कों में भी रूचि थी। एक दिन मुझे लंड का मजा लेने का मौक़ा मिला।
दोस्तो, अन्तर्वासना पर मेरी ये पहली कहानी है।
मैं पहले ही बताना चाहूँगा कि मुझमें शुरू से ही थोड़े बायसेक्सुअल गुण आने लगे थे।
मगर अभी तक मैंने लड़कों के साथ ऐसा कुछ करने की नहीं सोची थी।
मगर वो कहते हैं कि किस्मत को जो करवाना होता है वह वो करवा ही लेती है।
मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ … कुछ ऐसे हालात बन गए कि मुझे लड़के के साथ वो सब कुछ करना पड़ा जो अभी तक मैं सिर्फ अपने अंदर ही रखे हुए था।
तो मैं बिना देरी किए मेरी गांड की कहानी को शुरू करता हूं; आशा करता हूं कि आप लोग मेरी कहानी को ध्यान से पढ़ेंगे और मुझे अपनी राय भी इसके बारे में भेजेंगे।
अगर कोई गलती हो जाये तो नजरअंदाज़ कीजिएगा।
ये घटना लॉकडाउन के बाद की है।
लॉकडाउन की वजह से सब लोग घरों में ही रह रहे थे। हेयर कट सैलून भी बंद थे; इसकी वजह से मेरे बाल और मेरी दाढ़ी काफी बढ़ गए थे।
मैंने बाल कटवाने के लिए बहुत सैलून वालों से बात की मगर कोई तैयार नहीं हुआ।
अभी तक सैलून को खोलने की अनुमति नहीं दी गई थी।
वैसे भी लोग बीमारी के डर से किसी से मिलने से या किसी के यहां जाने से डर रहे थे।
फिर ऐसे ही एक दिन मेरे दोस्त ने बताया कि एक जाट है जो पहले किसी सैलून मैं काम करता था, अब घर पर ही बाल काट लेता है।
मैं शाम को वहां उसके घर का पता लेकर चला गया।
उसके घर में 3 कमरे थे और एक बरामदा था जहां वो खाली बैठा टीवी देख रहा था।
साथ में ही एक कुर्सी रखी हुई थी जिसके आसपास कटे हुए बाल गिरे हुए थे।
मुझे उसने पूछा- बाल कटवाने हैं?
मैंने हामी भर दी और उसने मुझे कुर्सी पर बैठने के लिए कहा।
मैं कुर्सी पर बैठने लगा तो वो बोला कि शर्ट उतार दो, नहीं तो सारे बाल शर्ट में फंस जाएंगे।
मैंने कहा- आपके पास कपड़ा नहीं है क्या?
वो बोला- कपड़ा मैंने धोकर सुखाने के लिए डाला है, अभी तक गीला है।
फिर मेरे पास कोई चारा नहीं था तो मैंने शर्ट उतार दी।
नीचे से मैंने बनियान भी नहीं पहनी हुई थी।
दोस्तो, मैं बता दूं कि मेरा बदन काफी गोरा और चिकना है। मेरी छाती एकदम से गोरी और चिकनी है।
चेहरे के अलावा मेरे शरीर पर गुप्तांगों और कुछ जरूरी हिस्सों जैसे कांख आदि को छोड़कर कहीं भी बाल नहीं आते हैं।
उसने मेरी गर्दन पर एक रुमाल रख दिया और बाल काटने लगा।
सामने टीवी पर एक बी-ग्रेड मूवी चल रही थी; उसमें कुछ हॉट सीन आ रहे थे।
देखते देखते मेरा ध्यान भी वहीं पर लग गया था।
फिर मुझे महसूस हुआ कि मेरी कमर पर कुछ सख्त सी चीज टकरा रही है। मैंने जब ध्यान दिया तो पाया कि उसका लंड तना हुआ था और वो मेरी कमर पर टच हो रहा था।
चूंकि मेरे ऊपरी बदन पर कपड़ा नहीं था और मेरी कमर चिकनी थी इसलिए वो बार बार मेरी कमर पर लंड को टच किए जा रहा था।
उसके लंड के झटके मैं बीच बीच में अपनी कमर पर महसूस कर सकता था।
अब मेरे मन में अजीब सी हलचल होने लगी थी।
मेरी सांसें थोड़ी तेज हो गईं और एक बेचैनी और घबराहट सी होती जा रही थी।
मुझे अच्छा भी लग रहा था और घबरा भी रहा था।
वो पूरी उत्तेजना में था और अपने लंड के तनाव को मेरे बदन पर अपना लौड़ा सटा सटाकर शांत करने की कोशिश कर रहा था।
फिर वो पीछे से चलकर मेरी साइड में आ गया।
मैंने देखा कि उसकी पैंट में उसका लंड पूरा तंबू बनाए हुए था जो अब मेरे कंधे पर टकरा रहा था।
खुद को संभालने की मैंने पूरी कोशिश की लेकिन मैं नहीं संभाल पा रहा था।
फिर वो आगे की ओर आ गया।
अब उसका खड़ा लंड ठीक मेरी आंखों के सामने था … एकदम से मेरी नाक के पास!
उसके लंड के तनाव को देखकर अब मेरा मन उसके लंड को पकड़ने और चूसने का करने लगा था।
मैंने ऐसा पहले कभी नहीं किया था लेकिन फिर भी अंदर से एक हवस जाग रही थी कि मैं इसकी पैंट की चेन को खोलकर इसके लंड को मुंह में ले लूं और चूस डालूं।
मैंने थोड़ी सी हिम्मत करते हुए अपने मुंह को थोड़ा आगे किया और उसके लंड से अपनी नाक को टच करवा दिया।
उसने ध्यान नहीं दिया और बाल काटता रहा।
फिर मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने आर-पार करने की सोच ली।
मैंने हाथ ऊपर उठाकर उसकी पैंट की चेन नीचे खोल दी।
उसने मेरी ओर देखा और बोला- क्या बात है? लंड चूसना है क्या तुझे?
मैंने नीचे नजर कर ली, मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया था उसकी ये बात सुनकर!
फिर वो बोला- शर्मा क्यों रहा है, अगर मन कर रहा है तो चूस ले, इतनी देर से मैं भी परेशान हो रहा हूं ये सेक्स सीन देखकर और तेरा चिकना बदन देखकर।
अब मैंने भी मन में सोच लिया कि आज तो इच्छा पूरी कर ही लेता हूं। अगर आज आगे नहीं बढ़ा तो इच्छा मन में ही रह जाएगी।
मैंने उसकी पैंट की चेन को पूरा खोल दिया और उसके अंदर हाथ देकर उसके लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ कर सहलाने लगा।
उसका लंड रॉड के जैसा सख्त था और काफी गर्म भी महसूस हो रहा था।
वो बोला- शर्मा मत, बाहर निकाल ले, आराम से कर ले जो करना चाह रहा है।
मैंने अब उसकी पैंट का हुक खोल दिया और पैंट नीचे खींचने लगा।
इतने में ही उसने रोका और बोला- जा पहले दरवाजा बंद करके आ जा!
मैं जल्दी से उठा और दरवाजा बंद करने चला।
नीचे की ओर ध्यान गया तो मेरा लंड भी मेरी पैंट में पूरा तन चुका था।
फिर मैं तेजी से चलकर दरवाजा बंद करके वापस आ गया।
मैं अपनी कुर्सी पर आकर बैठ गया।
वो वहीं पर अपनी पैंट जांघों तक सरकाए मेरा इंतजार कर रहा था। उसका लंड अंडरवियर में पूरे उफान में था।
मैंने उसकी अंडरवियर नीचे कर दी और सामने का नजारा देखकर दंग रह गया।
उसका लंड 7-8 इंच के करीब का था। एकदम से लम्बा, मोटा, तगड़ा और खूंखार सा लंड!
ऐसा लंड मैंने अपनी असल लाइफ में कभी नहीं देखा था।
मेरे लंड से तो बहुत बड़ा लग रहा था उसका लौड़ा!
मैं सोच में पड़ गया कि इसको मैं बर्दाश्त कैसे करूंगा। इतने में ही उसने अपने लंड को हाथ में लेकर मेरे चेहरे पर फिराना शुरू कर दिया। उसका गर्म लंड मेरे चेहरे पर रगड़वाते हुए मुझे भी अच्छा लगने लगा और मैं उसके लंड को चूमने-चाटने लगा।
फिर मैंने लंड को मुंह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया।
उसका लंड का स्वाद बहुत अच्छा लगा मुझे … मगर पूरा लंड मुंह में नहीं ले पा रहा था।
आधे से बस थोड़ा सा ज्यादा ही मेरे मुंह में जा रहा था और उसके बाद गले में लग जाता था।
मैं अब आंखें बंद करके उसके लंड को चूसने का मजा लेने लगा।
उधर उसके मुंह से भी कुछ इस तरह की मस्त आवाजें निकलने लगीं- इस्स … स्स्स … आह्ह … आह्ह … चूस ले … चिकने … आह्ह … मजा आ रहा है … आह्ह … चूस जा पूरा!
उधर से उसके हाथ मेरे सिर पर आ गये और वो मेरे मुंह में लंड के धक्के मारने लगा।
अब मुझे परेशानी होने लगी।
मैं जब अपनी मर्जी से चूस रहा था तो सही था लेकिन अब वो लंड को पूरा का पूरा मेरे मुंह में घुसाने की कोशिश कर रहा था।
उसके इस तरह जोर लगाने से लंड गले में अंदर लगने लगा था और मेरी सांस रुकने के साथ साथ मुझे उल्टी भी आ रही थी।
इतने में ही उसने मेरे बाल पकड़ लिए और सिर को जोर से उसके लंड पर दबाते हुए पूरा लंड गले तक अंदर उतार दिया।
मेरी सांस घुटने लगी … वो लंड को फंसाये रहा।
फिर वहीं पर अंदर गले में चोदने लगा।
मैंने मुश्किल से उसको धकेला तो उसने लंड को निकाला।
जब उसका लंड बाहर निकला तो मैं बुरी तरह से हाँफ रहा था।
उसके लंड पर मेरी लार और थूक लग गया था जिससे लौड़ा और ज्यादा चिकना हो गया था।
मैंने उससे कहा कि धीरे धीरे करे।
वो बोला- ठीक है, आराम से करूंगा।
अब उसने आधा लंड ही मेरे मुंह में डाला और अंदर बाहर करने लगा।
वो सिसकारियां लेते हुए मेरे मुंह को चोदने लगा।
मुझे भी मजा आ रहा था और मैं उसके लंड को पूरा एन्जॉय कर रहा था।
उसके मुंह से आह्ह … स्स्स … आह्ह … ओह्ह … करके कामुक सिसकारियां निकल रही थीं।
वो बोला- तू तो लड़कियों से भी आगे है। तेरे सामने तो रंडियां भी फेल हैं, क्या मस्त चूसता है यार तू … आह्ह … मजा दे रहा है पूरा!
ये बोलते हुए वो मेरा सिर पकड़ कर लंड को जोर जोर से घुसाते हुए मेरे मुंह को चोदने लगा।
जब उससे रुका न गया तो उसने लंड को मुंह से निकाल लिया और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे कुर्सी से उठाकर खींचते हुए अंदर ले गया।
उसने अंदर ले जाकर मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे मुंह पर चढ़कर मेरे मुंह में लंड दे दिया और मुँह को चोदने लगा।
दो चार मिनट तक वो मेरे मुंह पर चढ़ा रहा और लौड़ा घुसाता रहा।
मैंने बहुत मुश्किल से उसको बर्दाश्त किया और फिर उसका माल मेरे मुंह में निकल गया।
पहली बार मेरे मुंह में किसी के लंड का माल गया था, मुझे उसका स्वाद बड़ा अटपटा लगा और मैंने जल्दी से उठकर सारा माल बाथरूम में थूक दिया।
जब मैं वापस आया तो वो बोला- यार … एक काम कर … अलमारी में औरतों वाले कपड़े पड़े हैं, वो पहन ले, मज़ा आएगा।
मैंने कुछ पल तो सोचा फिर मैंने भी ये तय किया कि करके देखता हूं कि कैसा लगता है।
मैं मान गया और अलमारी के पास गया।
वहां पर घाघरा चोली पड़े हुए थे, मैंने वो पहने और तैयार हो गया।
मुझे देखकर वो बोला- ये मैंने रंडी के लिए रखे हुए थे। मैं यहां रंडियां चोदता हूं। रंडी तो नहीं बुला सका इसलिए तुझे दे दिये। तू भी किसी रंडी से कम नहीं है।
फिर एकदम से उसने मुझे पकड़ कर अपने पास खींच लिया।
घाघरा चोली पहन जैसे मैं खुद को औरत ही महसूस करने लगा और उसको अपना मर्द!
मुझे भी हवस चढ़ गयी, मैंने उसके लंड को हिलाना शुरू किया, फिर उसको मुंह में लेकर चूसने लगा।
देखते ही देखते कुछ देर बाद उसका लंड फिर से तनाव में आने लगा।
फिर दो मिनट के बाद उसका लौड़ा पूरा मेरे मुंह में तन चुका था।
लंड पूरा खड़ा होने के बाद वो भी खड़ा हो गया।
उसने मुझे उल्टा लिटाया और घाघरा ऊपर कर दिया, मेरी गांड नंगी हो गई।
उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर रगड़ने लगा।
मुझे भी अच्छा लग रहा था।
मगर फिर उसने धक्का मारा तो मुझे झटका सा लगा, एकदम से जोर का दर्द हुआ मगर लंड अंदर नहीं गया।
उसने फिर से धक्का मारा लेकिन लंड गांड की सील नहीं तोड़ पा रहा था।
वो बोला- साले, बहुत टाइट गांड है तेरी तो … सील नहीं टूट पा रही है।
उसने मेरी गांड को उंगली से सहलाया और कुछ मैंने टांगें फैलायीं और गांड को ढीली करने में उसकी मदद की।
फिर उसने अपने लंड पर थूक लगाकर मेरी गांड पर भी लगाया और धक्का दिया। अब उसका लंड मेरी गांड को चीरकर अंदर घुस गया।
एकदम से मेरी आँखें फट गईं।
मैं दर्द से चिल्ला उठा- निकालो … आईईई … मम्मी … आईई … आईई … मर गया … उईईई आआआ!
उसने मेरे दर्द पर ध्यान नहीं दिया और लंड को घुसाता चला गया।
अब मेरी गांड में उसका लंड अब पूरा घुस चुका था।
उसने मुझे हाथों से दबा दिया और ज़ोर जोर से धक्के लगाने लगा।
मैं रो रहा था मगर वो नहीं रुक रहा था।
मैंने उसे रोकना चाहा मगर वो बुल्डोज़र की तरह मेरी गांड पर चढ़ा जा रहा था।
उसके तेज़ धक्कों से फट-फट की आवाज़ आ रही थी।
मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था।
ऐसा लग रहा था जैसे मेरी गांड के छेद में कोई मोटा डंडा फंसाकर गांड को अंदर से छीला जा रहा हो।
उसने मेरी गांड चुदाई करते हुए मुझे गालियां देना शुरू कर दिया- आह्ह … साली रंडी … तेरी गांड मारूं … तुझे कुतिया बनाकर चोद डालूं … तेरी गांड का भोसड़ा बना डालूं … साली चुदक्कड़ … आह्ह चुद जा साली … ले ले पूरा लंड … आह्ह … चुद साली।
ये सुनकर मुझे थोड़ी हिम्मत बन रही थी कि मैं एक रंडी हूं और रण्डी लंड शौक से लेती है।
मैंने दर्द में भी उसका साथ देने की सोची मगर मेरी गांड मेरा साथ नहीं दे पा रही थी।
वो फिर से बड़बड़ाया- आह्ह … साली रंडी, तुझसे लंड क्यों नहीं लिया जा रहा है … रंडी को तो चुदने में मजा आता है … तू कैसे ले पाएगी ये लंड … बता साली … लंड लेने से भी ज्यादा मजा आता है क्या किसी चीज में … बोली मेरी रंडी रानी … तेरी गांड फाड़ दूं … आह्ह … चोद दूं साली तुझे।
इतने में ही उसने पूरी ताकत से एक धक्का लगाया और उसकी स्पीड एकदम से धीमी पड़ गयी।
उसका माल मेरी गांड में झड़ने लगा था।
फिर वो हांफता हुआ मेरी गांड पर ही ढेर हो गया।
मैं अब बिल्कुल बेसुध रण्डी की तरह पड़ा हुआ था और वो मेरे ऊपर!
मैं ऐसे ही पड़ा हुआ सो गया। फिर बहुत देर बाद उसने मुझे उठाया और बाथरूम में भेज दिया।
मैंने नहाकर कपड़े बदले और घर जाने लगा मगर मुझे अब भी दर्द हो रहा था।
उस वक्त मैं ठीक से चल नहीं पा रहा था।
मैं घर पहुंचकर बर्फ लेकर कुछ देर उस पर बैठ गया।
धीरे धीरे शाम होने तक मेरा दर्द कम हुआ।
उस दिन के बाद मैंने उसका लंड फिर से कई बार चूसा मगर उसको गांड में नहीं घुसाने दिया।
तो दोस्तो, इस तरह से मेरी गांड की सील टूटी थी और ये मेरी गांड चुदाई का मेरा पहला अनुभव था।
आपको मेरी गांड की कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना।