मेरा नाम सौरव है, मैं बिहार के एक छोटे शहर का रहने वाला हुं मेरी उम्र 20 साल है. मेरी माँ का नाम ममता है, जो एक स्कूल टीचर है। ये मेरी सौतेली माँ है उनकी उम्र 38 साल है. यह कहानी उन दिनों की है जब मैं 12 क्लास में था। मेरी बहन बाहर रहा करती थी और पापा भी काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहा करते थे। जब भी पापा काम से घर आते मुझे पता होता था कि मेरी माँ की जबरदस्त चुदाई होने वाली है। एक बार पापा को लंबे दिनों के लिए बाहर जाना था, उस रात मैं सो नहीं पाया क्योंकि पूरी रात मेरी माँ के चुदने की आवाज़ आ रही थी। सुबह मैन देखा पापा जाते वक्त मम्मी के होठ चूस रहे थे और चुचे दबा रहे थे। उस वक़्त मेरा मन कर रहा था कि पापा को धक्का देके दूर कर दूं और अपनी माँ के चुचे चूस लूं।
पापा के जाने के बाद मेरी माँ मुझे उठाने आई क्यों कि स्कूल का वक़्त हो गया था। मेरी माँ के चुचे मेरे मुंह के पास लटक रहे थे। मैं ने सोचा यही मौका है चुचे छूने का। मैंने अपनी माँ को बिस्तर पे खींचा और उनके चुचियों के बीच अपना मुंह डाल के सो गया मानो नींद में में ये सब कर रहा हूँ। मेरी माँ का फिगर अच्छा है। उनकी चुचियाँ काफी बड़ी हैं जो मुझे काफी पसंद थे। फिर मां ने मुझे अलग किया और बोला स्कूल के लिए तैयार हो जाओ। मैंने नहाते हुए मम्मी की पैंटी के ऊपर अपना सारा माल निकाल दिया और सोचने लगा कि कैसे इन्हें चोदा जाए। सारा दिन स्कूल में मुझे यही खयाल आया रहे थे। मेरा लंड मां की चूत मारने के लिए बेताब था। एक दिन मैं स्कूल नहीं गया था और माँ की अलमारी खंगाल रहा था। मुझे एक फ्लेवर्ड कंडोम का पैकेट दिखा जिससे मुझे उम्मीद जगी की मेरी माँ पापा का लंड भी चूसती होगी। उस रात मैं मम्मी को बोला आज मुझे आपके पास ही सोना है क्यों कि अकेले नींद नहीं आ रही कुछ दिन से। मैं मां के पास सोने का नाटक करने लगा।
मम्मी ने सोचा इसी कमरे में कपड़े बदल लेती हूं क्यों कि ये सो चुका है। फिर मम्मी ने अपनी साड़ी और ब्लाउज उतारे। मैं उनकी ब्रा देख कर हैरान रह गया। उन्होंने बिल्कुल ट्रांसपेरेंट ब्रा पहन रखी थी। धीरे धीरे उन्होंने ब्रा और पेटीकोट नीचे उतार दिया। मैं पहली बार मेरी माँ को सिर्फ पैंटी में देखा था। उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। फिर मां ने एक सेक्सी सी ब्लैक नाइटी डाली और मेरे बगल में आके लेट गई। मुझे जब लगा कि मेरी माँ सो गई है तो धीरे-धीरे मैंने उनकी नाइटी ऊपर उठाई और दूसरा हाथ उनके चुचों पर डाल दिया। जब मां ने कोई हरकत नहीं कि तो मैंने धीरे धीरे उनकी चुचियाँ मसलने लगा। मां को शायद लग रहा था कि पापा उन्हें ऐसे कर रहे हैं। नींद में ही उन्होंने पापा का नाम लेकर कहा,कंडोम बेड के नीचे है लगा लो, बिना कांडोंम आज नहीं करूंगी। मैंने सोचा सही मौका है, और अपना एक हाथ उनकी पैंटी में डाल दिया। हाथ डालते ही वो मचल उठी, आंखें खोली और बोला सौरव ये क्या कर रहे हो। मैं बोला माँ मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ। और उनकी चूत में उंगली डाल के अंदर बाहर करने लगा। मां रोकती रही फिर धीरे धीरे गरम हो गई। उंगली करने से उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया। उन्होंने मेरी पैंट उतारी और मेरा खड़ा लंड चूसने लगी। मैंने पूरा पानी उनके मुंह में छोड़ दिया।
मां ने कहा अब जब इतना कर लिया है तो चोद मुझे। और ऐसा बोल कर उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे ऊपर लेट कर ज़ोर ज़ोर से मेरे होठ चूसने लगी। मेरा लंड फिर खड़ा हो चुका था। अचानक मां ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत मे डाल कर ऊपर नीचे करने लगी। मैं कस के उनकी चुचियों को दबा रहा था। 2 मिनट में मेरे लंड का पानी निकलने वाला था। पूरे कमरे में गीले चूत से फच फच की आवाज़ आ रही थी। मैंने कस कर मां को पकड़ा और मेरा सारा पानी उनकी चूत में छोर दिया। मां भी झड़ चुकी थी। फिर हम दोनों नंगे ही पूरी रात सोते रहे। अब जब भी पापा बाहर होते हैं मेरी मां और मैं जम के चुदाई करते हैं। कैसी लगी कहानी ज़रूर बताइयेगा। अगली कहानी में बताऊंगा कैसे मैंने अपनी माँ को बरसात में भीगने के बाद चोदा।
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